AMIT SAGAR

Tragedy

4.7  

AMIT SAGAR

Tragedy

रोता हुआ लव लेटर

रोता हुआ लव लेटर

7 mins
410


मेरा नाम ब्रजकिशोर है, और मेरी उम्र 16 साल है । इस उम्र मे जो रोग हर किसी को जाने - अन्जाने लग जाता है, वो रोग मुझे भी लग चुका था, जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ प्रेम रोग की, प्यार करना कोई बड़ी बात नही है, पर प्यार का इजहार करना मतलब बिना तैयारी के यू . पी . बॉर्ड की परिक्षा देना वो भी ब.स.पा.की सरकार में । इजहार करना वैसे कोई जुर्म नहीं है पर ना जाने क्यूँ हम लड़को का दिल लड़की से इजहार करने के नाम पर ऐंसे घबराता है जैंसे कोई नवजात शिशु डॉक्टर के हाथ में इंजेक्शन देखकर घबराता है । वैसे तो उसकी अदायें, उसका व्यवहार , और मेरे प्रति उसकी मु्श्कुराहट देखकर मैं यह जान ही चुका था कि वो भी मुझसे प्यार करती है, पर जब तक प्यार पर इजहार का ठप्पा ना लगे तब तक एेंसे समझो जैंसे आपने मकान तो खरीद लिया है पर उसका बयनामा अभी अपने नाम नहीं करवाया हो । आज समाज की नजरों में‌ लड़की और लड़के दोनो बराबर है पर ना जाने कौन सी किताब या कौन से सविंधान में लड़कीयाँ यह बात पड़ लेती हैं कि पहले इजहार करना केवल लड़को का ही जन्मसिद्ध अधिकार है । लड़कीयाँ लड़को की तरह कपड़े पहन सकती हैं, लड़कियाँ लड़को से कन्धे से कन्धा मिलाकर चल सकती हैं, लडकियाँ लड़को की तरह जहाज उड़ा सकती हैं, मिनिस्टर बन सकती हैं, डॉक्टर बन सकती हैं, पुलिस बन सकती हैं, यहाँ तक कि चोर और डाँकू भी बन सकती हैं पर इजहार नहीं कर सकती । खैर अब जो समाज में चल रहा है वो तो मुझे भी फॉलो करना ही था ।

खुद कुछ करने से पहले मैंने दोस्तो से राय मसबरा लेना जरुरी समझा, तो दोस्तो ने भी वही ढाई, तीन सौ साल‌ पुराने सौ, डैढ़ सौ इजहार करने के तरीकै मुझे गिनवा दिये, पर मुझे उनमें से एक तरीका ना भाया । मैं तो कुछ इस तरह से इजहार करना चाहता था कि लड़की भले ही मुझे ना कह दे पर मेरे इजहार करने के तरीकै को वो जिन्दगी भर याद रखे । मै चाहता था कि चाँद पर खड़ा होकर उसे जोर जोर से    ( I LOVE YOU). कहूँ, या सूरज के ऊपर तारों की लकीरों से उसे लव लेटर लिखुँ, या पहाड़ो को चीर कर उसकी तस्वीर तराशु और उसे आसमान में चिपका दूँ, या फिर समुन्द्र की अनन्त गहराईयों में जाकर उसे कोई ऐेसा मोती लाकर दूँ जिसकी हिफाजत खुद प्यार की परियाँ कर रही हों, पर यह सब मेरी औकात से बाहर था सो मुझे भी इजहार करने के उन पुराने तरिकौ से ही अपना काम चलाना था ।

हम सभी यह बात जानते है कि सुबाह सुबाह हर किसी का माइन्ड फ्रेश रहता है, और सुबाह के समय कोई भी अच्छा काम करो वो निश्चिन्त ही सफल होता है, और वैसे भी प्यार करने से अच्छा काम और भला क्या हो सकता है । मेरा घर उसके घर से दस घर छोड़कर था, और हमारा स्कूल जाने का रास्ता भी एक ही था, मैंने स्कूल जाते वक्त ही उसको लव लेटर देना बेहतर समझा ।  मैंने एक लव लेटर लिखा और चल दिया उसक पीछे - पीछे सही मौके की तलाश में, मैने उसे लव लेटर देने की पहले से ही एक सही जगह चुन रखी थी । हमारे स्कूल से कुछ पहले ही सौ मीटर का एक सुनसान रस्ता था जहाँ लोगो का आना जाना कम ही रहता था, यह वही जगह थी जहाँ मुझे लेटर देना था । पर ना जाने वो कैंसे समझ गई थी कि मैं आज उसे लव लेटर देने वाला हूँ, सुनसान रास्ता आते ही वो बहुत धीमी धीमी गति से चलने लगी । मैने जैब से लेटर निकाला और उसे देने के लियें उसकी ओर जैंसे ही बढ़ा वैसे ही ना जाने कहाँ से एक बाईक बहुत तेज गती से आयी और फिसलकर सड़क पर गिर गई । उस बाईक पर बैठे आदमी के काफी चोट लग चुकी थी,  मैं उस बाइक सवार को उठाने के लियें उसकी ओर बढ़ा, और वो लड़की घबराकर अपने स्कूल चली गई,और मेरा, 'मिशन लव लेटर' फैल हो गया । थोड़ा अफसोस हुआ पर वो अफसोस किसी की मदद करने से बड़ा नहीं था । खैर आज नही तो कल मैं यह लव लेटर उसको दे ही दुंगा । और अगले ही दि‌न वो कल भी आ ही गया जिसका मैं कल से इन्तेजार कर रहा था , मै आज फिर वही लव लेटर लेकर एक प्रार्थी की तरह उसके पीछे पीछे चल दिया । मन यह सोच कर ही गदगद हो जाता था कि जब वो हाँ कहेगी तो उस वक्त मिली खुशियोँ को भरने के लियें मेरी जैबे या झोलियाँ कहीं कम ना पड़ जायें । वो सुनसान रास्ता आ चुका था, मैंने अपना लव लेटर जैब से निकाला और उसे देने उसकी और बढ़ा ही था कि आज एक बुजुर्ग अम्मा ने मुझे आवाज लगा दी, बेटा ओ बेटा । मैने पीछे मुड़कर देखा तो वो अम्मा एक दुकान के सामने चावी लिये खड़ी थी, और उसके साथ में एक नौ साल की बच्ची भी वहाँ थी । मै आज वो लव लेटर देने वाला मौका खोना नहीं चाहता था -

मैने उस अम्मा से कहा - हाँ अम्मा जल्दी बताओ क्या काम है ।

अम्मा ने कहा - बेटा दुकान का शटर खोल दो मुझसे यह उठ नहीं रहा है, इस बच्ची को कुछ समान चाहियें था ।

मेरी समझ मे नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूँ, कभी कभी भगवान हमें धर्मसंकट में डाल देता है, वैसे तो मैं यह जानता हूँ कि बुजुर्गो का सम्मान करना चाहियें हमेैशा उनके काम आना चहियें उनकीं मदद करनी चाहियें पर विपरित परिस्थितियोँ के कारण मुझे उस अम्मा पर पहले थोड़ा गुस्सा आया कि है मेरी अम्मा किसी और को ही आवाज दे देती मेरा बनता काम बिगाड़ के क्या मिला तुझे यह बात मन में सोच मैने उस बुजुर्ग अम्मा की दुकान का शटर खोल दिया, पर जितनी दैर मुझे शटर खोलने में‌ लगी उतनी दैर में वो लड़की वहाँ से निकल चुकि थी, और एक अच्छा मौका आज फिर मेरे हाथ से निकल गया ।

पर तीसरे दिन मैं किसी भी कीमत पर उसे लव लेटर देना चाहता था, इसलियें मैने पहले से ज्यादा तैयारी करना बेहतर समझा आज मैंने अपने एक दोस्त की साइकिल एक दिन के लिये उधार ले ली ताकी कोई झंझट ही ना हो, साईकिल पर ना तो मुझे कोई आवाज देगा, और किसी बहाने साइकिल रोककर मैं उसे यह लव लेटर भी दे दुंगा । मेरी आखों मे आज एक अलग ही चमक थी, जिसका कारण एक तो मेरे पास आज हिरोगिरी दिखाने के लियें साइकिल थी , दुसरा आज तो मेरा काम पक्का बनने वाला ही था । मै साइकिल पर सवार था, और वो पैदल जा रही थी, सुनसान रस्ता आने ही वाला था, मैंने सोचा क्यो ना थोड़ी हिरोगिरी दिखाई जाये और साइकिल पर स्लीप मारकर उसे लेटर दिया जाये । मैंने साइकिल पर तेज पैडल मारने शुरू कर दियें, मैं अब उससे बीस कदम दूर था, मैने पैडल और तेज कर दिये, और ज्यादा तेज पैडल मारने की वजह से मेरी साइकल की चैन उतर गयी । मैंने साईकिल पर तेज ब्रैक मार दिये और मेरी साइकिल फिसल गई, साइकिल को फिसलता देख वो मेरी ओर देखकर मन्द मन्द मुश्कुराने लगी उसे यूँ मुश्कुराता देख मेरी खुशी का कोई ठिकाना ‌ना रहा, पल भर में ही मैंने एक ख्वाबो का झिलमिलाता, जगमगाता शहर बना लिया और उस शहर के हर गली , हर मौहल्ले में, हर नुक्कड़ और हर चोराहे पर मैं उसे आलिंगन कर रहा था उसे चूम रहा था । पर यह ख्वाबो के शहर जितनी जल्दी बनते हैं उतनी ही जल्दी टूट भी जाते हैं । पर मेरा ख्वाब ना केवल टुटा बल्कि टूट के एेंसा बिखरा कि आज तक ना तो सिमट पाया और ना ही जुड़ पाया । मेरे लेटर देने से पहले ही उसने मुझे एक लेटर दिया इतने में बाइक पर एक लड़का आया और वो उसके साथ बैठकर चली गयी । उसके बैठने के अन्दाज से ही मैं समझ गया था कि वो लड़का उसका ब्यायफ्रेन्ड है । उसका व्वयहार देखकर मैं लेटर का  हाल भी समझ चुका था कि इसमे क्या लिखा होगा । इसमे लिखा होगा '-

ब्रजकिशोर जी मैं‌ किसी और से प्यार करती हूँ मुझे माफ कर देना, तुम अपनी जिन्दगी मेरे चक्कर में बरबाद मत करना तुम बहुत अच्छे ईन्सान हो, तुम्हे कोई भी लड़की ना, नही कहेगी, अगर मेरी कोई बहन होती तो मैं उसे तुम्हारी गर्लफ्रेन्ड बनने की सलह देती, मुझे अफसोस है कि तुम मेरे नसीब में नहीं हो ।

                             तुम्हारी ना हो सकी ********

उसका लेटर पढ़ने का मन तो नहीं था पर पढ़ना जरूरी था । उसमे लिखा था

आगे से आइने में शक्ल और औकात देखकर प्यार करना कालियें, मै तेरी शक्ल का कुत्ता ना पालूँ और तु मेरा ब्यायफ्रेन्ड बनने का ख्बाब देख रहा है , अगर तुझमे जरा सी भी शर्म बची हो तो तु आगे से मेरे जैंसी किसी लड़की को देखने से पहले दस बार सोच लेना , यह लेटर पड़कर रोने मत लगना क्योकि रोते हुए इन्सान अच्छे लगते हैं , काले भालू नही ।

लेटर पढ़‌ने के बाद का हाल मैं बयाँ नहीं कर सकता आप खुद ही अन्दाजा लगा लिजिये कि मेरे दिल पर बिजली नहीं पूरा का पूरा ट्रान्सफारमर ही गिर गया था, साथ ही मेरी जैब मे‌ रखा हुआ लव लेटर रो रहा था । 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy