और साइकिल पर बैठी जाते हुए बोल गई उस दिन का हिसाब पूरा हुआ। और साइकिल पर बैठी जाते हुए बोल गई उस दिन का हिसाब पूरा हुआ।
, सीधा उसको बोला की अशोक अपनी साइकिल देगा चलाने को। , सीधा उसको बोला की अशोक अपनी साइकिल देगा चलाने को।
लगभग 30-32 साल बाद इतिहास ने एक बार फिर अपने आप को दोहराया! लगभग 30-32 साल बाद इतिहास ने एक बार फिर अपने आप को दोहराया!
"सर इस सूरज के पिता नही है,बेचारी माँ ही हाड़तोड़ मेहनत कर उसे पढा रही है। "सर इस सूरज के पिता नही है,बेचारी माँ ही हाड़तोड़ मेहनत कर उसे पढा रही है।
नन्ही पिंकी की मुट्ठी में आसमान था – आखिर उसके पिता जो उसके पास थे। नन्ही पिंकी की मुट्ठी में आसमान था – आखिर उसके पिता जो उसके पास थे।
प्रकाश के लिए स्मारक चाहिए। प्रकाश के लिए स्मारक चाहिए।