Reetu Singh Rawat

Abstract Others

3.4  

Reetu Singh Rawat

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रक्षा बन्धन प्यार का प्रतीक

रक्षा बन्धन प्यार का प्रतीक

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रक्षा बंधन प्यार का प्रतीक रक्षा बन्धन का त्योहार भाई बहन के स्नेह का प्रतीक है। यह त्योहार हिंदूओं में प्रचलित था पर आज इस को भारत के सभी धर्मों के लोग समान भाव से मनाते हैं। यह त्योहार हिंदू श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बन्धन के कई दिनों पहले से राखी का उत्साह दिखाई देने लगता है। घर की बहन -बेटियां अपने भाई से दूर रहकर भी अपने प्रिय भाई को राखी भेजती है। जिससे रक्षा बन्धन के दिन भाई की कलाई खाली न रहे। हर बहन की चाहत होती है कि अपने भाई को वह सबसे सुंदर राखी खरीद कर बंधे इसलिए बाजारों में अनेकों तरह की सुंदर राखियाँ दिखाई पड़ती है साथ ही मिठाई और गिफ्ट भी बहने भाई की पसंद को ध्यान में रखकर खरीदती है भाई भी बहनों के लिए उनकी पसंद के अनुसार चीजों का चयन करते हैं और कई मीलों का रास्ता तय करके बहने अपने भाई के घर राखी बंधने के लिए पहुँचती है। यह राखी का त्योहार ही नहीं एक बहन -भाई के प्यार का प्यारा सा रिश्ता है। 

  भाई - बहन का रिश्ता खून का हो या दिल से बनाया हुआ भाई तो भाई है हजारों लाखों में एक है। बस मन का मिलना ही इस रिश्ते की मजबूत डोर के समान है रक्षा बन्धन सबसे खूबसूरत बन्धन है जो दिलो को दिल से जोड़ता है और वही जिनकी बहने नहीं होती वो उस दिन दुखी भी होते है।

भारत के इतिहास में देवी- देवता राजा महाराजा भी बहनों भाई के प्यार के प्रतीक है जैसे भगवान जगन्नाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है वहां हर साल मंदिर के मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों की भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान करके नगर में यात्रा को निकाला जाता है यह भी भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है भगवान श्री रामचन्द्र जी भी अपनी छोटी बहन शांता से हृदय से प्रेम करते थे भगवान श्री कृष्ण ने बहन द्रोपदी की रक्षा की।

   आज लिखते हुए एक बात को लेकर मन में तकलीफ भी हुई। क्योंकि कई भाइयों की कलाई पर इस दिन राखी सिर्फ इसलिए नहीं बंध पाती क्योंकि उनकी बहनों को उनके माता पिता इस दुनिया में आने ही नहीं देते हैं जिस देश में कन्या पूजन का विधान शास्त्रों में है वही कन्या भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि बहने जीवन में कितना महत्व रखती है और अगर कन्या भ्रूण हत्या पर रोक नहीं लगी तो एक दिन ऐसा भी आएगा यह त्योहार तो होगा पर बहुत से भाइयों की कलाई इस दिन खाली होगी अगर कन्या भ्रूण हत्या को रोका नहीं गया तो ?



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