राजनीति का दर्द
राजनीति का दर्द


इस देश की राजनीति एक बाजार बन चुकी हैं हर कोई अपना माल बेचने के लिए दूसरे के माल को खराब बता रहा है खुद बेच नही सकता और दूसरे का माल खराब के गाने गा गा कर सुना रहा है आज कल राजनीतिक पार्टियों का यहीं हाल है कोई भी इंसान देश और देश वासियों के बारे में नहीं सोच रहा है बस में कैसे सत्ता पर बैठ कर और सत्ता की चाबी अपने कब्जे में कर लू दूसरे का खून चूस करऔर कैसे दूसरे की मेहनत की कमाई छीन कर अमीर बन जाऊं कल खाने को चावल नही थे और आज काजू बादाम की सब्जी खा रहे हैं कोई पूछे कैसे बनाई काजू बादाम की सब्जी बनाने के लिए कहा से आया पैसा पर आप सब जानते हैं चोर ही खा सकता है मेहनत करने वाले तो तीन टाईम की रोटी भी दो बार ही खाते हैं ये दुनिया की सबसे से बडी सच्चाई है पर आप मानेगे नही देश के सबसे बड़े चोर ये -------- है जो कुछ सालों में ही बैंको में करोड़ों नही, पता नही कितने ,जिसकी गिनती मुझे तो नहीं आती है उतने भर लेते है पर कोई पूछ नही सकता कि बता तो तेरे कौन से बाप ने दिए हैऔर हिम्मत भी किस की है जो मरने के लिए तैयार हो पर एक दिन पाप का घड़ा भर ही जाता है इसी लिए जिस जिस का घड़ा भर गया वो कचरे में पड़ा है चाहे कोई भी हो दुनिया में आए हो तो कम से कम इंसान तो बन ही जाओ और इंसान न भी बनो तो शैतान तो न बनो इस धरती पर जिसने जन्म लिया वो सब की है धरती तो माँ के समान है जो कभी कभी अपने ही शैतान बच्चों को देखकर रोती है और कहती है मुझे माफ करना कुदरत इंसाफ तू करना क्योंकि मैं तो माँ ,धरती माँ हूँ