Reetu Singh Rawat

Others

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Reetu Singh Rawat

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वंचित वर्ग

वंचित वर्ग

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भारतीय समाज का वो हिस्सा जो गुमनामी की जिंदगी जी रहा है ----

भारत के समाज का वो अंग जो समाज से अलग बेरंग जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं जिसमें विधवा औरत जिनकी जिंदगी बन्द कमरों या बन्द गलियों के टूटे फूटे पुराने अनाथ आश्रमों में बेरंग जिंदगी जीने के लिए मजबूर महिलाएं अपनी जिंदगी के दिन गिन गिन कर काट रही है न भोजन में स्वाद और शरीर में सफेद कफ़न लपटें जीवन जीने के लिए मजबूर हैं साथ ही वो वर्ग जो इंसान के रूप में ईश्वर ने किन्नर बनाकर धरती माँ की गोद में भेजा उनकी भी दशा दर्दनाक हादसे जैसी ही है जो रोजी रोटी की तलाश में इधर उधर आंखें गड़ाए घर घर तलाशते फिरते हैं कई बार रोटी की तलाश में शारीरिक शोषण के शिकार होते हुए देखे गए भारत में कई वर्गों को समाज से अलग थलग कर दिया है ऐसा ही एक अनमोल ईश्वरीय तोहफा जो धरती पर आया तो इंसान की मर्जी से पर जिंदगी मिली बिना छत की वो मासूम बच्चे जिनके माँ- बाप हुए तो पर लावारिस कहलाए न माँ की गोद थीं न भोजन का पता आसमान की चादर ओढ़ किसी सड़क के किनारे सर्दी गर्मी में सिमटे जिंदगी जी रहे हैं भोजन के नाम पर सड़ गाल जो मिला खा कर सो गए कभी कभी तो सोए ही रह गए आज समाज के कई ऐसे वर्ग गुम नामी की जिंदगी जी रहे हैं सरकार ऐसे लोगों की मदद सिर्फ नाम के लिए कर रही है यह एक बड़ा वंचित समाज है जो आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक दायरे से बहुत दूर है इनका कोई समाज में कोई महत्व नहीं है समाज के लोग इनको हीन भावना से देखते है जैसे ये अछूत हो या इनसे कोढ़ चिपका हो या गली के आवारा कुत्तों की तरह बेनाम हो जिन्हें जब मर्जी से लात मार दो क्या इनकी जिंदगी जीने के लिए नहीं है क्या इनके दिल में कोई ख्वाहिश जिंदा नहीं हो सकती है क्या इनको जीने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए क्या समाज के साथ इनको जोड़ने की जरूरत नहीं है ये भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं है पर आज भी समाज के इस वर्ग को अलग थलग रखा जा रहा है क्या इनकी ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं है हम कब ऐसे समाज को अपनाएंगे ये लोग भी हमारी ओर देख रहे हैं कि कब हम इनको समझेंगे। उनकी आंखों में भी कुछ सपने होंगे हमें उन्हें घृणा की नजर से नहीं प्यार से समझना होगा यह पहल उनकी जिंदगी में रंग भर सकती है आओ मिलकर वादा करें अपनी जिंदगी से कुछ पल उधार ले कर एक अच्छा समाज का निर्माण करें दिल की गहराइयों से सोचे जिसमें सभी के लिए जगह हो भारत की सभ्यता और संस्कृति के इतिहास के कई पन्नों पर लिखा है भारत के लोगों का दिल विशाल है जिसमें सब समा जाते हैं फिर क्यों इस वर्ग को दूर रखें जय हिंद जय भारत


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