Reetu Singh Rawat

Abstract

4.7  

Reetu Singh Rawat

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दुनिया की जुबान

दुनिया की जुबान

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आज कल लोगों बड़े बुद्धि जीवी हो गए हैं किसी की बेटी बेटे की शादी से आकर घर पर परिचित के साथ मिलकर बड़ी शान से कहते हैं शादी में गए थे खाना बढ़िया नहीं था शादी बड़ी बेकार जगह की थीं ये भूल जाते हैं कि एक माँ बाप सारी जिंदगी पैसों को जोड जोड़कर बेटी की डोली सजाने के लिए अनेको सपने सजाते हैं कभी कभी कर्ज उठकर अपनी जान से प्यारी बेटी का विवाह रचाते है बड़े आदर भाव से अपने परिचित सगे संबंधियों को बुलाते है पर कुछ लोग महफिल में बैठकर बेटी के माता पिता का चीड़ हरण करते हैं और खुश होते है पर यह भूल जाते हैं कि उनके आगे भी बेटा बेटी विवाह रचाने के लिए खड़े हैं।

यह भी नहीं सोचते कि कल हमारी किस्मत में क्या लिखा है क्योंकि भगवान के घर देर है अंधेर नही सब कुछ वापिस मिलना यही है पर कुछ अच्छे भी होते हैं जो भूखे आकर भी कहते हैं आपने सब कुछ बहुत बढ़िया किया बेटी अपने घर चली गईं बड़ी खुशी हुई ईश्वर का शुक्रिया कीजिए आज हम आपका धन्यवाद करने आए थे जो आप ने बेटी की शादी में बुलाकर हमे मान सम्मान दिया। कोई जरुरत हो तो बेझिझक बताइयेगा हमारे घर में भी बेटी है कुछ ऐसे महान लोग भी होते है जिनका धन्यवाद ईश्वर को भी करना पड़ता है।


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