Mahesh Dube

Action Thriller

1.4  

Mahesh Dube

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रहस्य की रात भाग 8

रहस्य की रात भाग 8

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कन्या आगे बोली, यह अघोर गुरु द्रोही और मित्र हंता है। बहुत क्रूर और नीच भी है। जादू-टोने और काया परिवर्तन का भी महारथी है। अगर यह स्फटिक मणि उसे मिल गई तो अनर्थ कर देगा। मैं देवी कपालिका की कृपा से गर्भगृह में ही सुरक्षित हूँ, बाहर जाते ही अघोर मुझे मार देगा। मैं यह मणि गुरुकुल तक पहुंचाना चाहती हूँ। अगर तुम चारों मेरी मदद करो तो यह संभव हो सकता है। तो बोलो क्या मेरी सहायता करोगे?

चारों को झरझरा का शब्द-शब्द सत्य प्रतीत हुआ। वे यंत्रवत ‘हाँ’ की मुद्रा में शीश हिलाने लगे। 

अब झरझरा प्रसन्न हो गई। उसने आँखें मूँद कर बहुत मीठी वाणी में एक देवी स्तुति गानी शुरू की, चारों उस स्वर प्रवाह में बह से गए। थोड़ी देर बाद उसने नयन खोले और बोली, मित्रों! आज की रात बहुत पुण्य फलदायी है। मुझे लगता है आज ही अघोर का नाश होगा और मेरे पिता की आत्मा को शान्ति मिलेगी साथ ही स्फटिक मणि भी अपने स्थान पर पहुँच जायेगी। तुम लोग मेरा साथ दोगे तो कपालिका माता भी सहायता करेंगी। अब हम पहले देवी की आराधना करेंगे और आशीर्वाद मांगेंगे कि हमें अपने शुभ संकल्प में सफलता मिले। तुम चारों बगल के कमरे में स्नान करके दूषित वस्त्रों को त्याग कर नयी धोती पहन कर झटपट आ जाओ, तब तक मैं पूजन के दूसरे इंतजाम कर लेती हूँ। इतना कहकर झरझरा ने आँखें मूँद ली और दूसरा सुमधुर भजन गाने लगी। 

ये चारों चटपट उठे और स्नान के लिए रवाना हुए। अचानक झरझरा ने एक आँख खोलकर तिरछी नजर से उन्हें जाते हुए देखा और उसके होंठ वक्र हो गए और उनसे एक अत्यंत विषैली मुस्कराहट फूट पड़ी फिर वो आनंदित होकर झूम-झूम कर भजन गाने लगी। फिर भजन समाप्त कर के उठी और पूजन सामग्री इकट्ठा करने लगी। फूल, माला, धूप दीप, नैवेद्य, हल्दी, कुमकुम और सबसे विशेष चीज एक चमचमाती हुई भीषण तलवार। जिसपर रोली छिड़क कर उसने और भयानक बना दिया और वो आतुरता से उन चारों की प्रतीक्षा करने लगी।

कहानी अभी जारी है ...

क्या अघोरगिरि की बात सच थी ?

जानने के लिए पढ़िए भाग 9

 


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