परिवार
परिवार
आज छोटा हो या बड़ा ,परिवार तो परिवार हैं!
परिवार तो सबका एक जैसा होता हैं!
हमारा परिवार भी बड़ा परिवार हैं,रिश्तों नातों से भरपूर,हम सबको सभी रिश्तों की अहमियत है!
ना तेरा न मेरा
जिंदगी तो है!
बस
एक रैन बसेरा
सच में जिंदगी एक रैन बसेरा! चाहे कितने ही दुख आये सुख आये!बस सब मिल-जुलकर एक होकर सुलझाये! तो जिंदगी और भी आसान हो जाती है!
हम लाख छुपाये प्यार मगर अपने रिश्तों मे वो झलक आ ही जाती है!अपनापन अपनों के साथ हो या किसी और के साथ अपनापन ही होता है! हम अपना एक कॖायटेरिया लोगों के साथ फिक्स कर लेते है!कौन कितना उपर है;कौन कितना नीचे!जो जितना उपर उसका ठाट-बाट उतना उपर उसका कॖायटेरिया लेवल हाय! जो कम लेवल का उसका कॖायटेरिया उतना नीचे!उसका लेवल लो!
ये सब कौन हमारा अंतर मन डिसाईडस करता है!
हमारा दिल सबको एक लेवल पर क्यों नहीं रख सकता है!
क्या इंसान को इंसान की अहमियत नहीं होती?
क्या पैसा ही सबके लिए सब-कुछ होता है?
पैसा यदि बाहर के काम आता है;तो सुख-दुख में अंतर मन के लिये इंसान ही इंसान के काम आता हैं!
ये बात हमे हमेशा गाठ बांध लेनी चाहिये!
*पैसा आज है;हो सकता है कल वो ना भी हो!पर जीवन मे एक बार रिश्ता जब बन जाता है,किसी के साथ वो अंतर-मन से जुड़ जाता है,फिर वो अपने मरने तक जुड़ा ही रहता है! हम चाहकर भी नहीं तोड़ सकते!हर एक के साथ अलग-अलग रिश्ता होता हैं!सोच कर देखो जीवन में गया हुआ मोती (इंसान)भी अनमोल होता है!एहसास उसके जाने के बाद होता हैं;तब हाथ में कुछ आता नहीं ,सिवा उसके आॕखो मे आसू आ जाता हैं!पर तब रोये पछताये क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत
माना हमने के तेरा-मेरा रिश्ता अजीब हैं!
सोच के देखो वो कितना लजीज है!
माना के दुनिया मे सिफऀ पैसो का मोल है!
पर जीवन में इंसानियत अनमोल हैं!
