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Monika Jayesh Shah

Drama Inspirational Others

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Monika Jayesh Shah

Drama Inspirational Others

रिश्ता

रिश्ता

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सुनो सब जीवन में रिश्ते..बनाने वाले!

हम‌ रिश्ते‌ बना तो लेते हैं...

मगर कभी-कभी उन रिश्तों

 पर धूल सी जम जाती हैं!

क्या पता है..आप सबको,

हम रिश्ता उन्हीं से बनाते हैं..

जो हमारे रिश्ते को समझे .

जो रिश्ते हमारे दिल के

 करीब होते हैं..

बेहद‌ अजीज होते हैं!

कुछ रिश्ते खास होते है.!

कुछ यादें भी खास‌ होती हैं!

ये सिर्फ कहने की बातें नहीं होती हैं..

हम‌ सब ‌दिल‌ से महसूस भी करते हैं!

देखो याद‌ आ गयी ना किसी‌ की..

उन्हें याद‌ करते-करते आंखों में आंसू आ गया, हैं ना..कुछ यादें होती ही ऐसी हैं..

जिन्हें हम भूला नहीं पाते...

और‌ अकेले में याद‌ करके रो भी पड़ते हैं ..हम..

होता है ना अक्सर‌ ये सभी के साथ,

हा‌ एक‌ बात‌‌ का इल्म हमें भी होता हैं,

क्या हम जिसे याद‌ कर रहे हैं..

वो भी हमें याद करते होगे!

पश्न सभी को पड़ता हैं..

पर‌ उत्तर किसी के पास नहीं होता!


आज कल के रिश्ते हैंग हो गये हैं, मोबाइल पर‌ आवजो -आवजो कह दिया बस हो गया! सामने‌ वाला ‌भी सेम‌ बर्ताव हमारे साथ करेगा! हमें चाहिए की हम सब आगे बढ़कर‌‌ एक-दूसरे के रिश्तों को सहेजे! उन रिश्तों को महकाये॥। जैसे हम अपने बगिया‌‌ में एक‌ पौधा लगाते हैं, उन्हें सहेजते ..कभी पानी डाल‌ रहे हैं! रिश्ते ही रिश्तों को जहर‌ पिला रहे हैं!

जब हम‌ सब रिश्तों को समझेंगे नहीं ..तो रिश्तों को कैसे आगे बढ़ाएंगे ! बताओ ?

फिर‌ कहोगे मैंने तो रिश्ता बनाया था ...पर‌ उसने तोड़ दिया ..वो तो बोलता हैं..या बोलती ही नहीं तो हम क्यों बीच में..ये बीच‌‌ का शब्द‌‌ हैं...ना यही सबसे बड़ा दुरावे का ‌कारण हैं, सोचो आप‌‌ सब भी जरा ...?

सामने वाला दो कदम‌ पीछे हटाता हैं..तो आप‌ खुद‌‌ चार‌‌ कदम‌ आगे‌ बढ़ाओ!


हर‌ एक रिश्ता जो बनता है ना वो अपने लिये प्यार की सौगात‌ होता हैं, उसे सहेजने और समझने में वक्त जरूर‌ लगता हैं, पर रिश्ता मजबूत बनता‌ हैं!

एक बात‌‌‌‌ यहाँ में कहूँगी...रिश्तों ‌के बीच अपशब्दों को न आने दे!

रिश्ते भगवान की देन हैं...हमें एक-दूसरे से मिलाने में साथ देने में..साथ रहने में ...एक -दूसरे की केयर करने में!

आज केयर करेंगे तो कल ‌वहीं रिश्ते हमें मदद ‌करने आगे आयेगे!

हैं‌ना...चलो फिर साथ मिलकर एकजूट होकर हम रिश्तों को सहेजे बड़े प्यार से!

जो रिश्ते हमारे अपने हैं..या जो नए रिश्ते बनने वाले हैं!

आओ उन‌ रिश्तों में हम सब मिलकर मुस्कराहट और प्यार भरे!


एक बात‌‌ और‌ कहना चाहूँगी यहाँ पर..हमारे‌ जो सभी बड़े बुजुर्ग हैं, उनका सम्मान दिल से करे, उनकी कहीं हर एक बात को समझे!

कभी -कभी हम उन पर चिल्ला देते हैं, कभी गुस्सा कर देते हैं, जिनसे की रिश्तों में मतलबी पन होने लगता हैं! तो उन्हें समझने की कोशिश करे! उन्होंने भी कुछ सीखकर ही अपने को सिखाया हैं! आज वो अपने साथ हैं, क्या पता कल वो हो ना हो, और हम उन्हें सिर्फ याद करते रहे!


जब वो हमारे साथ हैं..हम तभी उन्हें सम्मान दे!

बाद में कोऔ को खिलाने से या दिखावा करने से कोई मतलब नहीं..ये सिर्फ रिश्तों में बनावटी पन होता हैं, हमने श्राद्ध किया!

जीतेजी ‌आप जिंदा इंसान को खिलाओ नहीं , मरने के बाद पतवाल भर के सबचूर कर प्रेम दिखाकर खाना खिलाते हो, क्या मतलब हैं फिर इन बातों का!


जीतेजी इसी तरह प्यार से अपने‌ हाथों से खिलाया‌ होता तो उनके आँखों में आंसू की बूंदे नहीं प्यार का सागर उमड़ता, और‌‌ वो आज आपके साथ होते!

अभी भी समय गया नहीं हम उन रिश्तों की डोर को पक्का बना सकते हैं!

फोटो पर हार चढ़ाकर हाथ जोड़कर नजरें मिला पाओगे क्या..जो गये हैं उनसे? वो तो कुछ कहेंगे नहीं, पर तुम्हारे दिल में हमेशा एक कसक‌ बनी रहेगी, हमने क्या किया‌?

सोचो दिल‌‌ से, समझो प्यार से!


जो हमारा लिखा दिल से पढ़ रहें हैं...जो रिश्तों को समझते हैं..वो दिल से जरुर बतायेगा...

चलिये फिर शुरुआत करते आप सभी से!

मैंने भी की है....क्योंकि मैं भी रिश्तों को समझने की कोशिश कर रही हूँ!



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