जब बाजी हाथ से निकल गई फिर क्या हो। जब बाजी हाथ से निकल गई फिर क्या हो।
मेरे से ज़्यादा चिड़िया को उस पौधे पर विश्वास था मेरे से ज़्यादा चिड़िया को उस पौधे पर विश्वास था
शायद, हम लोगों का धन्यवाद करने ही आई होगी......वह चिड़िया। शायद, हम लोगों का धन्यवाद करने ही आई होगी......वह चिड़िया।
शायद वो चिड़िया मुझे ये कहने आई थी.. अब मैं खुश हूं..तुम भी खुश रहो और मुझे भूल जाओ.. शायद वो चिड़िया मुझे ये कहने आई थी.. अब मैं खुश हूं..तुम भी खुश रहो और मुझे भूल ...
लेकिन उन्हीं यादों के साथ आने वाले कल को संवारना तो हमारे ही हाथ में है। लेकिन उन्हीं यादों के साथ आने वाले कल को संवारना तो हमारे ही हाथ में है।
अब जिंदा इंसान रीढ़ की हड्डी आते ही नए खिलौने की खोज में निकाल पड़ा। उसके हाथ खून से लाल अब जिंदा इंसान रीढ़ की हड्डी आते ही नए खिलौने की खोज में निकाल पड़ा। उसके हाथ खून ...