परीक्षा परिणाम के जिम्मेदार
परीक्षा परिणाम के जिम्मेदार
परीक्षा परिणाम का दिन है।
अपना परीक्षाफल लेकर विद्यालय से अपने घरों की ओर प्रस्थान करते कुछ सुस्ती में कदमों को घसीटते और मुरझाए चेहरे वाले विद्यार्थी और कुछ विद्यार्थी प्रफुल्लित चेहरों के साथ बल्लियों उछलते हुए निकल रहे हैं।
हम दूसरों की खुशियों में शामिल होने में भले ही कुछ विलम्ब कर लें पर दुख-दर्द बाॅंटने में यथासंभव शीघ्रता करनी चाहिए। इस भाव के साथ मैंने अनमने से दिखने वाले विद्यार्थियों से मिलकर उनके मन के भाव टटोले। उनमे से अधिकांश ने अपनी असफलता के लिए अपने टीचर को जिम्मेदार ठहराया।
हर्षित भाव वाले विद्यार्थियों से जब उनकी शानदार सफलता का रहस्य जानने का प्रयास किया तो उन्होने भी अपनी सफलता का श्रेय अपने टीचर को दिया।
कुछ सफल और असफल विद्यार्थी एक ही टीचर के निर्देशन में एक ही कक्षा में अध्ययन करते हुए दो विरोधाभासी स्थितियों में पहुॅंचे थे और इस स्थिति के लिए टीचर को जिम्मेदार बता रहे थे। उनके अभिभावकों तक की भी यही प्रतिक्रिया थी।
पर वास्तविकता क्या है? ये स्थिति क्यों और अब तक?