Priyadarshini Kumari

Abstract

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Priyadarshini Kumari

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पिया वसंती (लव स्टोरी)

पिया वसंती (लव स्टोरी)

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300


आज भूषण ओबरॉय बहुत ही खुश है,और हो भी क्यों ना?, उनकी लाडली बेटी प्रियंका ओबरॉय की सगाई शहर के मशहूर बिजनेस मैन माणक ओबरॉय के इकलौते बेटे नमन ओबरॉय से होने वाली है। नमन ओबरॉय दिखने में बहुत ही खूबसूरत कद काठी के लम्बा-चौड़ा और अपने इरादों में पक्के वसूल के धारदार तलवार से तेज नजर रख कर अपनी बिज़नेस को नया नया तरिके के राह पर लाकर खुद को बेमिशाल बनाया है। पिया (प्रियंका को घर में सभी प्यार से पिया बुलाते है)।भी बहुत ही खूबसूरत बिल्कुल सपनों की परियों की तरह खूबसूरत लंबे लंबे काले घने बाल पतली कमर नाक नक्शे में खूब कटिंगर गोरा गोरा सुन्दर मुखड़ा जो भी देखे पहले ही नजर में पिया की दीवाना बन जाये। पिया बिन माँ की पली बढ़ी है पर उसके पापा उसके लालन पालन में कोई भी कमी ना की।

सगाई की सभी तैयारी हो चुकी थी। घर में सहनाइ के गूंज और ढ़ोल नगाड़ा भी बज रहें थे। सभी सगी संबंधी पिया और नमन के जोड़ी की प्रशंसा करने में लगे थे। पिया के पापा ये सभी बात सुनकर बहुत ही खुश होते है। और अपने घर के मंदिर में जाकर प्रार्थना करते है,"हे! देवी मईया पिया की सगाई की रश्म अच्छे से हो जाये किसी तरह का कोई भी अर्चन ना पड़े "।

पिया अपने कमरें में तैयार हो चुकी थी।और अपने छोटे भाई को बोलती है,"अंकुश प्लीज तुम पापा को बुला दो ना, मुझे पापा से बहुत ही जरुरी बातें करनी है "।

"ठीक है पिया दी मैं पापा को बोल देता हूं "।

अंकुश अपने पापा से बोल देता है। पिया दी आपको बुला रही है। भूषण ओबरॉय अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के संग बातें करने में मशगूल अंकुश की बातें सुनकर भी अनसुना कर देते है। कमरें में पिया अपने पापा के आने का इंतजार करती है पर पुरे बीस मिनट हो जाते है। लेकिन पिया के पापा वापस नहीं आते है। पिया कमरें में परेशान होकर इधर उधर घूमती रही फिर थोड़ी देर बाद पिया कमरें से बाहर निकल कर अपने पापा के पास आती है और कहती है,"पापा मुझे आपसे से कुछ जरुरी बातें करनी है "।

भूषण पिया की तरफ देखते हुए बोलते है,"बेटा आप कमरें में जावो। मैं थोड़ी देर बाद आता हूं "।

पिया अपने पापा की बात सुनते ही उनका हाथ पकड़कर खींचती हुई अपने कमरे में ले जाती है और कहती है,"

पापा मैं कब से कह रही हूं ?, मुझे आपसे बातें करनी है पर आप सुन क्यों नहीं रहे हो ?"

"हां बेटी तेरी सभी बातें सुनूंगा। लेकिन पहले सगाई तो हो जाने दे और देख सभी रिश्तेदार और मेहमान की खातिरदारी भी तो करनी है। माणक जी भी अपने बेटा व रिश्तेदारों के साथ आ रहें है तो उनकी स्वागतई में कोई कमी ना हो इसलिए मैं देखरेख में लगा हूं। तेरी सगाई अच्छे से हो जाये फिर आराम से बातें करता हूं और तेरी सभी बातें भी सुनूंगा "।

"पर पापा मुझे अभी बातें करनी है। मैं घर से बाहर साहिल से मिलने जाना चाहती हूं। बस एक ही घंटे में मिलकर वापस आ जाऊंगी " पिया एक ही सांस में बोल जाती है।

पिया की बातें सुनकर भूषण जी चौंक जाते है और गुस्से में बोलते है,"तुझे साहिल से मिलने की जरुरत नहीं और एक घंटे में नमन के फैमिली वाले भी आने वाले है। मैं तुझे बाहर जाने की इजाजत नहीं दे सकता "।

पिया रोती हुई प्लीज पापा आप बात समझने की कोशिस करो। मेरा जाना बहुत जरूरी है प्लीज पापा आज के लिए एक घंटा मुझे दे दो।

नहीं नहीं बेटी तेरे बारे में सभी रिश्तेदार पूछेंगे पिया कहां है ?पिया कहां है ? मैं क्या बोलूंगा ? प्लीज पिया तू सगाई होते ही साहिल से मिल लेना। उसके बाद मैं नहीं रोकूंगा।

नहीं पापा तबतक बहुत देर हो चुकी होंगी। मैं अपने वादे से नहीं मुकर सकती। पापा मैंने आपकी सभी बात मानी है और आप भी मेरी हर बात मानी है सिर्फ मेरे और साहिल के रिश्ते को अपनाना नहीं माना पर मैं कुछ ना बोली। लेकिन आज के दिन मुझे जाने दो। पापा, साहिल आज अपनी ट्रेनिंग खत्म करने पर आ रहा है और मैंने साहिल से वादा की थीं सबसे पहले मैं उससे मिलने आउंगी फिर साहिल ने भी वादा किया वो भी मुझे सबसे पहले मिलेगा ।मैं मिलकर उससे सभी बात बता कर आ जाऊंगी।

पर बेटा अगर साहिल ने तुम्हें आने नहीं दिया तो। नहीं नहीं पिया, तुम ऐसा नहीं कर सकती अब तुम साहिल से नहीं मिल सकती हो।

नहीं पापा वो मेरा इंतजार करेगा अगर मैं नहीं गई तो साहिल अपनी जान दे देगा। प्लीज पापा आप मेरी बात समझो मुझ पर विश्वास करो मैं मिलकर वापस आ

जाऊंगी।

पिया की बातें सुनकर भूषण ओबरॉय का मन पिघल जाता है और अपनी बेटी को जाने देता है और कहता है,"ठीक है बेटा मैं यहां पर सब संभालता हूं लेकिन तुम वादा करो एक घंटे के अंदर में आ जाओगी "।

हां पापा मैं आपसे वादा करती हूं। मैं एक घंटे के अंदर में वापस आ जाऊंगी।

पिया अपने घर के पीछे के दरवाजे से दौड़ती भागती हुई साहिल से मिलने के लिए घर से निकल जाती है। और एक ऑटो में बैठ जाती है। पिया ऑटो में बैठते ही छः महीने पहले की बात के यादों में खो जाती है

पिया बीए फाइनल पार्ट में रहती है और उसके एग्जाम होने वाले रहते हैं। पिया बीए फाइनल पार्ट के एग्जाम देने के लिए तैयारी हो रही थी। हल्की गुलाबी रंग की टॉप और हरे रंग की लॉन्ग स्कर्ट पिया पहनी हुई बेहद ही खूबसूरत लग रही थी। लंबी खुले बाल लहराते हुए अपने पापा के पास आकर कहती है," पापा आप आज मैं अपनी सहेलियों के साथ चली जाऊंगी। आप अपने ऑफिस जाइये "

"पर बेटा तू तो आज तक गाड़ी से ही गई है। आज ऑटो में जाने का मूड कैसे बन गया ?"।

बस ऐसे ही पापा। पिया चहकती हुई घर से बाहर निकल जाती है भूषण जी जोर भरी आवाज में,"ओके बेटा बाय बेस्ट ऑफ़ लक अपना ख्याल रखना "।

पिया अपनी सहेली के साथ ऑटो में बैठ जाती है। ऑटो कालेज की तरफ जाने लगी तभी अगली मोड़ पर एक लड़का उसी ऑटो में बैठता है। वह लड़का बहुत ही खूबसूरत स्मार्ट और सुशिल रहता है। ऑटो में इतनी सारी लड़कियां बैठी रहती है पर वह लड़का एक बार भी किसी लड़कियों के तरफ मुड़ कर नहीं देखता। उस लड़के की ये अदा देख पिया उसके तरफ बार-बार देखने लगती और सोचती है," मैं उसे क्यों बार-बार देख रही हूं? ऐसा लगता है जैसे मैं उसे जानती हूं ?"।

ऑटो वाला ऑटो को अचानक से कॉलेज के पास रोक देता है। और पिया अपने ख्यालों से बाहर आ जाती है। सभी गर्ल्स उतर जाती है और पिया को बोलती हुई आगे बढ़ जाती है,"पिया तू हमसब की भी ऑटो भाड़ा दे देना

और भाड़ा देकर तू एग्जाम हॉल में आ तबतक हमसभी तेरी भी सीट खोजते हैं"।

पिया लड़कियो को तेजी में भागते हुए देख खुद भी जल्दी से बिना इधर उधर देखे ऑटो से उतरती है तभी पिया की पीठ के पीछे से टॉप की कपड़े ऑटो की नुकीली गेट में लग जाती है और चिराक से फट जाती है। चिराक आवाज सुनते ही वो लड़का पिया के तरफ देखता है।

पिया उस लड़के को अपनी तरफ देख डाटना शुरु कर देती है," क्यों मौका मिला नहीं कि तुम एक अकेली लड़की की तरफ देखने लगे। उसके टॉप फटने की वजह से कितना बदन दिख रहा है "।

इतने में वो लड़का जल्दी से अपना शॉट निकालकर पिया के बदन ओढ़ाते हुए बोलता है," तुम्हारे बदन को नहीं देख रहा था बस यह देख रहा था कि तुम्हारे पीछे से कोई और तो नहीं देख रहा "।इतना कहते ही वो लड़का ऑटो वालों को अपनी और सभी लड़कियों के ऑटो भाड़ा के पैसे देकर आगे बढ़ जाता है। पिया जल्दी से शर्ट पहन कर आगे बढ़ती हुई उसे रोकती हुई बोलती है," रुको रुको"।

पर वो रुकता नहीं और अपने एग्जाम हॉल की तरफ आगे बढ़ जाता है। पिया भी अपने एग्जाम हॉल में चली जाती है पिया को एग्जाम का क्वेश्चन मिलते ही जल्दी जल्दी आंसर शीट पर आंसर लिखकर प्रोफेसर को कॉपी जमाकर वक्त से पहले ही क्लास रूम से बाहर निकलकर कॉलेज के मेन दरवाजे पर खड़ी होकर उस लड़के का आने का इंतजार करने लगती है। थोड़ी देर बाद पिया की सभी सहेलियां भी आती है। पिया सबको बोलती है,"प्लीज तुम सब चलो। मैं आ रही हूं "।पिया की सभी सहेलिया चली जाती है। तभी थोड़ी देर बाद वो लड़का कॉलेज के गेट के पास आता है। पिया उसको रोकती है। पर वो नहीं रुकता पिया फिर से आवाज लगाती है प्लीज रुको "वो रुक जाता है।

प्लीज , अनजान नाम वाले मुझे माफ कर दो।तुमने मेरी मदद की पर मैं, तुम्हें गलत समझा उसके लिए दिल से बहुत बहुत क्षमा चाहती हूं "।

लड़का मुस्कुराते हुए,"ठीक है माफ़ी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। इसमें तुम्हारा मुझे गलत समझना कोई गलत बात नहीं है क्योंकि यह तो आम बात है हर लड़की को लड़के गलत रूप से देखते है तो इस कारण लड़किया खुद को असहज महसूस करती है। और मेरा नाम अनजान नहीं साहिल है "।

थैंक उ साहिल और मेरा नाम प्रियंका है सब मुझे प्यार से पिया ही बुलाते है। तुम भी मुझे पिया ही बुलाना।

इट्स ओके अब तुम्हें घर जाने चाहिये।

हां क्यूँ ? तुम साथ में घर नहीं चलोगे।

हां जाऊंगा पर मुझे कुछ काम है।

काम शाम होने को आई है फिर काम कैसा? कल भी तो एग्जाम है। घर चलो साथ में और ये सर्ट भी वापस ले लेना।

नहीं नहीं पिया कल लेती आना अभी मैं घर नहीं जा सकता मैं पार्ट टाइम जॉब करता हूं। मुझे आगे की पढ़ाई के लिए पैसे चाहिये और घर में सिर्फ माँ है। तो पैसों का आभाव है।

पिया अपनी हाथ साहिल के तरफ बढ़ाती हुई कहती है क्या तुम मुझे अपनी दोस्त बनावोगे ?"।

पिया मेरी इतनी हैसियत नहीं की मैं तुम्हारे संग दोस्ती कर सकूँ। मैं गरीब परिवार से हूं और तुमको देख कर लगता है तुम रईस खानदान से बिलोंग करती हूं।

इसका मतलब दोस्ती पैसे देखती है अगर मैं गरीब रहती तभी दोस्ती करते।

नहीं नहीं पिया ऐसा नहीं है। अच्छा ठीक है हमदोनो दोस्त है ओके अब तो घर जावो।

साहिल की बातें सुनते ही पिया खुश हो जाती है और उछलती कूदती हुई घर पर आ जाती है। घर आते ही अपने पापा की सभी बातें बताती है। पिया के पापा सभी बातें सुनकर कहते है,"अच्छा बेटी उसको ये सर्ट मत लौटना एक नयी सर्ट लेकर देना "।

पिया हां पापा ठीक कह रहें है। अगले दिन पिया जल्दी जल्दी रेडी होकर साहिल के लिए नयी सर्ट लेकर अपनी सहेलियों के साथ ऑटो में में बैठ जाती है। पर साहिल नहीं आता। पिया घबराती हुई इधर उधर देखते हुए सोचती है साहिल क्यूँ नहीं आया ? तभी पिया की बेचैन नजर पीछे से आ रही एक ऑटो पर पड़ती है उस ऑटो में साहिल रहता है। पिया ऑटो वालों को रुका देती है और उस ऑटो से उतर कर साहिल के ऑटो में बैठती है।

साहिल पूछता है,पिया तुम क्यूँ उतर गई ?हम कॉलेज में भी तो मिल सकते है "।

हां मिल सकते है पर मैं उतना टाइम नहीं वेट कर सकती। ये देखो मैंने तुम्हारे लिए क्या लायी हूं ?।क्या मेरी सर्ट है।

हां सर्ट है पर तुम्हारी वाली नहीं नयी वाली।

नयी वाली क्यूँ ? मुझे नयी वाली नहीं चाहिए और मैं तुमसे नया सर्ट नहीं ले सकता।

साहिल ऐसा मत बोलो ना मैं बहुत अरमान से तुम्हारे लिए लाई हूं, प्लीज रख लो ना प्लीज साहिल अब ना मत कहना वरना मेरा दिल टूट जाएगा।साहिल पिया को ना नहीं कह पाता है। पिया की बात खत्म होते ही ऑटो कॉलेज भी आ जाती है। दोनों उतरकर अपने अपने एग्जाम हॉल में चले जाते हैं।एग्जाम खत्म होते ही पिया फिर से कॉलेज के गेट पर आ खड़ी होती है और साहिल के आने की इंतजार करने लगती है। थोड़ी देर बाद साहिल,पिया के पास आने लगता है। साहिल को देख पिया का दिल जोरों से धड़कता है पिया मन ही मन सोचती है साहिल को देख ये मुझे क्या हो रहा है ?मेरा दिल जोरों से क्यूँ धड़क रहा है ?।

पिया तुम अब तक गई नहीं। साहिल पिया से पूछता है। हां जाने ही वाली थी बस सोची तुमसे मिलते हुए जाऊ।

पिया कल हम दोनों की आखिरी एग्जाम पेपर है। कल के बाद शायद फिर कभी हमदोनों मिले या नहीं मिले

पर इन दो दिनों में जो भी हम दोनों के बिच बात हुई या थोड़ा ही सही जो भी वक्त बिताया तो उन सब में तुम मेरे लिए बहुत ही अच्छी दोस्त बन गई। अच्छा पिया अब तुम अपने घर जावो मैं काम पर जाता हूं।

साहिल की बातें सुनकर पिया उदास हो जाती है और उसकी आँखों भी नम हो जाती है कुछ बोलना चाहती है पर बोल नहीं पाती। साहिल, पिया को उदास देख पूछता है पिया तुम ठीक तो हो कुछ बोल क्यूँ नहीं रही ?और तुम्हारी आँखों में आँसू क्यूँ ?।

पिया भारी आवाज में बोलती है आंखें नम नहीं तो शायद मैं तुमसे दूर होने की बात की वजह से ऐसी चुप हूं अच्छा साहिल चलती हूं कल मिलूंगी "।

पिया ना चाहते हुए अपने घर के लिए चल देती है। और अपने घर आते ही कमरे में आकर जोर जोर से रोने लगती है। पिया लगातार दस मिनट तक रोती जाती है।पिया खुद को आईने में देखते हुए सोचती है,"आज मैं इतना ज्यादा क्यूँ रो रही हूं ? साहिल तो सिर्फ मेरा दोस्त है फिर उससे दूर होने की बात से मुझे बार बार रोना क्यूँ आ रहा है ?

और मैं साहिल के बारे में इतना अधिक क्यूँ सोच रही हूं ? कहीं साहिल से मुझे प्यार तो नहीं हो गया। नहीं नहीं ये मैं क्या सोच रही हूं ?। अभी तो दो दिन ही हुए हैं साहिल से मिले हुए और दो दिन में प्यार थोड़े ना होता है। पता नहीं मेरे साथ ये सब क्या हो रहा है ? पर जो भी है मैं बस इतना जानती हूं मैं साहिल से दूर नहीं रह सकती।

अगले दिन एग्जाम के बाद साहिल खुद पहले ही कॉलेज के गेट पर खड़ा रहता है। पिया के आते ही साहिल पिया को लेकर कॉलेज से कुछ दूर जाकर बोलता है," पिया शायद हम दोनों कभी मिले या ना मिले पर हमदोनों की याद एकदूसरे को हमेशा ही जोड़ी रखेगी। पिया, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं।

अच्छा क्या लाये हो ? मुझे दो

ये मेरी दोस्ती की पहचान एक छोटी सी डायरी पिया तुम्हें जब भी मेरी याद आए तो इस डायरी को मुझे ही समझ अपनी सारी बातें इस पर लिख देना और ये सोच लेना मुझसे बातें हो गई।

पिया डायरी लेती हुई कहती है अच्छा और मेरी याद आई तो तुम क्या करोगे ? ये लो मैं भी तुम्हारे लिए कुछ लायी हूँ।

साहिल मोबाइल फोन देख कर इंकार करते हुए बोलता है, नहीं पिया मैं तुमसे इतना महंगा तोहफा नहीं ले सकता। प्लीज साहिल लेने से मना मत करो वरना तुम्हारे दोस्ती के बिन मैं मर जाऊंगी।

पिया ऐसा मत बोलो मरने की बातें क्यूँ कर रही हो।

तो ले लो ना साहिल वरना सच कह रही हूं तुमसे बिना बातें किए रह नहीं पाऊँगी।

अच्छा ठीक है ले लेता हूं पर प्रॉमिस करो अबसे मरने की बात नहीं करोगी।

हां प्रॉमिस। अच्छा साहिल अब मैं चलती हूं।

पिया अपने घर वापस आकर डायरी में साहिल की तस्वीर बनाती है और साहिल के तस्वीर संग बातें करती रहती है। दो दिन के अंदर में ही पिया साहिल के तस्वीर संग बातें करके डायरी के पूरे पन्ने पर अपनी प्यार भरी बातें लिख देती है।अगले दिन पिया, साहिल को फोन करती है और मिलने के लिए परमिशन चाहती है। साहिल उस वक्त जॉब पर रहता है तो पिया को मना कर देता है। पिया रिक्वेस्ट करने लगती है," प्लीज मुझे तुमसे मिलना हैप्लीज साहिल "।

"अच्छा ठीक है, मैं काम खत्म करके कैफे के पास शाम 5:00 मिलता हूं "।

पिया तैयार होकर शाम के 5:00 बजे साइबर कैफे के पास पहुंच जाती है। साहिल भी अपना काम खत्म करके जल्दी जल्दी कैफे के पास आ जाता है। साहिल पिया के पास आते ही उसके हाथों में डायरी देख पूछता है," पिया ये डायरी वापस क्यों अपने साथ लाई हो ? या फिर मेरा दिया तौफा तुम्हें पसंद नहीं "।

पिया मुस्कुराती हुई डायरी साहिल को देती हुई कहती है,"नहीं नहीं साहिल लौटने नहीं तुम्हारे संग किये बातों को तुम तक पहुंचाना चाह रही हूं "।

साहिल और पिया कैफ़े के अंदर जाकर चेयर पर बैठ जाते है। साहिल डायरी के पन्ना उलटते ही अपनी बनी तस्वीर देखकर मुस्कुराने लगता है,और पिया से कहता है,"तुम्हें तस्वीर भी बनानी आती है। वो भी हू-बहू बहुत ही खूबसूरत तस्वीर बनाई है मेरी "।इसतरह साहिल डायरी के पन्नों को उलट-उलट कर पढ़ने लगता है। पढ़ते-पढ़ते साहिल को पता चल जाता है की पिया को मुझसे प्यार हो गया है"। साहिल पिया को बोलता है,"पिया, मैं तेरे काबिल नहीं।

तू इतनी धनी मनी रईस खानदान से हो। और तुम्हारे घर वाले हमदोनो की रिश्तों की बात के लिए कभी भी राजी नहीं होंगे "।

साहिल , तुम इस बात का फिकर ना करो मैं पापा को मना लूंगी।

नहीं पिया जब तक मैं तुम्हारे काबिल नहीं बन जाता तब तक तुम अपने पापा से कुछ नहीं मत कहना। और मैंने

सरकारी ऑफिसर पद के लिए बहुत सारे फॉर्म भरे है तो छः महीने में कुछ ना कुछ जॉब की बात बन ही जाएगा। उसके बाद ही तुम अपने पापा से बात करना। पिया एक बात मैं भी कहना चाहता हूं मुझे भी तुमसे बेहद प्यार है बस कहने से डरता था मैं सोचता रहा कि कहीं तुम मुझे गलत ना समझो। और मैं तुम्हें खोना दूं अगर ऐसा हो जाता तो हमारी बिच दोस्ती भी शायद खत्म हो जाती।

पिया,साहिल की बातें सुनते ही कहती है अच्छा ठीक है मैं पापा से कुछ भी नहीं कहूंगी पर तुम्हारे जॉब लगते ही सारी बात बता दूंगी। साहिल तुम मन लगाकर अपनी पढ़ाई करो। और मैं अब मिलने के लिए भी ज्यादा परेशान नहीं करूंगी और नाही ज्यादा फोन करूंगी जब तुम फ्री रहना तभी मुझे कॉल करना।

साहिल पिया को अपने गले से लगाते हुए कहता है,"मेरी पिया बसंती अब जाने की इजाजत दो  "।

हां मेरे साजन बसंत ठीक है जावो और अपना ख्याल रखना।

वक्त बीतते जाते है दोनों के बीच दिन पर दिन प्यार और भी गहरा होता जाता है। दोनों कभी कबार ही मिलते है और फोन पर बातें भी बहुत ही कम करते है। पुरे छः महीने के बाद साहिल, पिया को मिलने के लिए एक रेस्टोरेंट में बुलाता है। पिया,साहिल से मिलने पहुंचती है।साहिल एक टेबल के पास बैठा पिया का वेट कर रहा होता है। पिया,साहिल के करीब आकर बैठ जाती है।

बोलो साहिल आज अचानक क्यूँ बुलाया ? और तुम खुश भी दिख रहें हो "।

हां पिया आज मैं बहुत ही खुश हूं और ये खुशखबरी तुम्हें भी बताना चाहता हूं।

तो बतावो ना, जल्दी से बताओ।

साहिल,पिया को सरकारी वीडिओ ऑफिसर के ट्रेनिंग लेटर को दिखाता हुवा कहता है,"ये देखो मेरी वीडियो की ट्रेनिंग लेटर मैं पूरे चार महीने के ट्रेनिंग के लिए जा रहा हूं। और जब वहाँ से लौटूंगा तो मैं तुम्हारे काबिल बन जाऊंगा और जब ट्रेनिंग खत्म करके वापस आऊंगा तब मैं सबसे पहले तुम्हें ही देखना चाहता हूं। तुम मुझसे वादा करो जब मैं आऊंगा तुम मुझे मिलने जरूर आओगी और हमदोनो साथ में मिलकर तुम्हारे पापा के पास जायेंगे और मैं, तुझे अपनी दुल्हन बनाने की बात पापा से कहेंगे।

हां साहिल मैं इंतजार करूंगी तुम्हारे आने की। मुझे पता है इंतजार बहुत बड़ी है पर तेरा अफसर बनने की बात इससे बड़ी खुशी की बात है।ठीक है पिया मेरे वापस लौटने पर तुम इसी रेस्टोरेंट में मिलने आना। मैं मैसेज कर दूंगा।अब मैं चलता हूं।

पिया अपने घर आते ही देखती है कुछ अनजान लोग मेरे घर आये हैपिया को घर आते देख उसके पापा पिया को नमन से बात करने को कहते है। पिया ये सब अचानक से देख कर समझ नहीं पाती ये सब क्या हो रहा है ?पिया रोती हुई अपने कमरें में चली जाती है। पिया के पापा नमन के परिवार वालों से कहते है आप सबको देख कर शायद पिया सरमा गई होंगी। मुझे आपके बेटे नमन के साथ बेटी पिया की रिश्ता मंजूर है। सब एकदूसरे को मिठाई खिलाते हुए बधाइयां देते है। थोड़ी देर बाद नमन के घरवाले चले जाते है। भूषण जी अपनी बेटी के पास जाते है और पिया को नमन के साथ रिश्ते तय हुई बातें बता देते है। पिया सुनते ही जोर जोर से रोने लगती है। बेटी तुम रो क्यूँ रही हो ? एक दिन तो सब लड़की अपने बाबुल का घर छोड़कर चली जाती है। और तुझे भी जाना होगा।

हां पापा पर मैं किसी और से प्यार करती हूं। और मैं साहिल के बिना नहीं रह सकती प्लीज पापा।

बेटी तुम ये क्या कह रही हो ? ये वहीं साहिल है ना जो एग्जाम के वक्त मिला था।

पिया अपने पापा को सभी बातें बता देती है।

नहीं बेटी तुझे साहिल को भूलना होगा। तेरा रिश्ता नमन के साथ तय हो चुका है और तू अब साहिल की बातें कभी भी नहीं करेगी।

ऑटो वाला खठाक से ऑटो को रोकता हुआ कहता है," मैडम आप की जगह आ गई। आप उत्तर जाये "।

पिया अपने यादों के अनगिनत तस्वीरों के ख्याल से बाहर निकल कर ऑटो से उतरती हुई उसी रेस्टोरेंट में पहुँचती है। साहिल,पिया को दुल्हन के जैसी सजी देख कहता है पिया तुम तो आज ही तैयार होकर आई हो चला अच्छा है पहले सगाई करते है फिर तुम्हारे पापा के पास जाते है।

पिया रोती हुई साहिल के गले से लिपट जाती है और साहिल को सबकुछ बता देती है। और जाने की इजाजत मांगती है।

साहिल ये क्या बोल दिया तुमने इससे तो अच्छा होता तुम आती ही नहीं। मैं, तुझे बेवफा समझ कर अकेला ही जिंदगी जी लेता पर अब तो बेवफा का सहारा भी ना रहा मैं तुम्हारे बैगर कैसे जीऊंगा तुम मत जावो ना।

नहीं साहिल मैं पापा से वादा करके आयी हूं। मुझे जाना होगा।

अच्छा ठीक है चली जाना बस थोड़ी ही देर रुकने को कह रहा हूं तुझे जी-भर निहार लूं फिर चली जाना। पिया उठती है जाने के लिए तभी साहिल,पिया का हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा लेता है और कहने लगता है

ठीक है चली जाना पिया बसंती

बस थोड़ी ही देर रुक जा पिया

आखरी बार तुझे महसूस कर लूं

कम से कम देख तो लेने दे जी भर के

क्या पता शायद मैं कल रहूँ या नहीं

पर इतना तो तय है तेरी यादों में जिन्दा रहूंगा

बस थोड़ी देर और रुक जाओ

यहां बैठ मेरे पास मुझ पर भरोसा रख

तुझे जाने से नहीं रोकूंगा

बिना तेरे मर्जी के छू भी ना सकूँगा

कुछ लाया था तेरे लिए एक छोटा सा तौफा

अपनी सगाई की अंगूठी,अब ये मेरे किसी काम का नहीं ऐसा कर तू रख लें जब भी मेरी याद आये

तो अपनी अंगुली में पहन लिया करना 

नहींनहीं ऐसा मत करना

जब भी याद आये तो,

बस एक झलक देख लिया करना

सच कहता हूं पिया तेरे बिना 

मैं, मैं ना रह पाऊंगा

जब तेरी याद सताएगी मैं खुद को

सही सलामत कैसे रख पाउँगा?

बार-बार तुझे ढूंढता फिरूंगा

पर तू कही ना नजर आयेगी।

तेरी हाथों में मेरे नाम का मेहंदी तो लग ना सकी

पर तेरे लिए दुवा हजार करूंगा

नमन के साथ तेरी जोड़ी सलामत रहें

यहीं कहता उम्र गुजार जाऊंगा

अब जा चली जा एक पल भी ना रुक

नहीं तो मैं खुद के वश में ना रह पाउँगा

पिया तू चली जा चली जा पिया बसंती

और सुनो वापस मुड़कर देखना नहीं

वरना मैं तुझे जाने नहीं दूंगा।

पिया उठकर जाने लगती है रेस्टोरेंट के बाहर निकलते ही पीछे मुड़कर देखती है तभी पिया के पापा रेस्टोरेंट के पास आ जाते है और पिया को लेकर गाड़ी में बैठ जाते है और घर जाने लगते है।

रेस्टोरेंट में साहिल खुद को बहुत ही अकेला महसूस करता है पिया की जाने की जुदाई बर्दास्त नहीं कर पा रहा था। साहिल वेटर को बुलाकर कहता है," प्लीज मेरे लिए ड्रिंक लेकर आओ"

वेटर ड्रिंक लाने के लिए चला जाता है। साहिल, पिया को बार-बार याद करते रहता है साहिल फिर से वेटर को चिल्लाता हुआ कहता है," जल्दी ड्रिंक लावो "।पर वेटर ड्रिंक लाने में लेट कर देता है। साहिल गुस्से में आकर ड्रिंक काउंटर के पास जाकर एक ट्रे में रखी छः ग्लास की ड्रिंक  कुछ ही सेकेंड के अंदर में बारी-बारी से गटक जाता है। और अपने टेबल के पास आकर बैठ जाता है। तबतक वेटर भी ड्रिंक लाकर टेबल पर रख देता है। साहिल और भी ड्रिंक करने लगता है। ड्रिंक काउंटर के पास एक अनजान आदमी आकर पूछता है," इस ट्रे में रखी ग्लास की ड्रिंक किसने पिया, जल्दी बताओ "।

साहिल हंसता हुवा उठकर बोलता है,"मैंने पी कहो क्या दिक्कत है "।

"अरे यार तुमने क्यों पी लिया ? यह जहर वाले ड्रिंक थे मैंने किसी और के लिए बनाई थी "।

साहिल सुनते ही कहता है,"अच्छा तो है आज मौत से भी हंसकर मुलाकात कर लूं,मौत को भी मुझसे कोई शिकायत नहीं होंगी "। साहिल बोलते बोलते खून की उल्टियां करने लगता है और कुछ देर बाद साहिल वही अपना दम तोड़ देता है।

इधर पिया को सगाई के लिए स्टेज पर लाया जाता है। नमन, पिया को रिंग पहनाने के लिए पिया को अपना हाथ आगे बढ़ाने को कहता है। पर पिया साहिल की याद में खोई रहती है और साहिल का दिया हुवा तौफा रिंग को देखती रहती है। तभी पिया के पापा उसके पास आकर उसके हाथ से अंगूठी लेकर फेक देते है और पिया का हाथ नमन के तरफ आगे बढ़ा देते हैं। नमन, पिया को रिंग पहना देता है। सभी तालियां बजाने लगते है। अब बारी है पिया की रिंग नमन को पहनाने की। पिया, साहिल के यादों में खोई अचानक से सरक (हिचकी) जाती है। पिया इतना ज्यादा जोर से सरकती है कि उसको सांस लेने में भी दिक्कत हो जाती है। पिया की ऐसी हालत देख नमन कहता है,"कोई जल्दी से पिया को पानी पिलाओ"।

पिया के पापा जल्दी से ट्रे में रखी पानी का ग्लास उठाकर पिया को पानी पिला देते हैं। पिया पानी पीते ही खून की उल्टियां करने लगती है। सभी पिया की वैसी हालत देख कर डर जाते हैं और कहने लगते है,"अभी तो पिया ठीक थी और अभी ही क्या हो गया?"।तभी सबकी नजर ग्लास में पड़ी रिंग पर पड़ती है और सभी कहने लगते है,"लगता है हिरे की रिंग है और हिरा वाला पानी पिया ने पी लिया "।

पिया के पापा रिंग को देखते ही समझ जाते हैं ये तो वही रिंग है जो पिया के हाथ में थी पर ग्लास में कैसे ?।

पिया और साहिल का मिलन तो ना हो सका पर दोनों ना मिलकर भी एकदूसरे में खो गये।


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