पीया वेलेंटाइन
पीया वेलेंटाइन
गाँव से पहली बार शहर आई मुझे वेलेन्टाइन डे के बारे में कुछ भी पता नहीं था। यहाँ आकर वेलेंटाइन डे के बारे में सुन सुनकर हमारे दिल में भी इस दिन को मनाने की जिग्यासा जाग उठी किस से पूछा जाये कैसे और क्या तैयारी की जाये ?हमने बालों का झट से जुड़ा बनाया और निकल पड़े सहेली से मिलने।सखी के घर की डोर बेल पर जैसे ही हाथ रखा तो मधुर गीत बज उठा।" परन्तु दरवाजा बंद।"अंजोरी ! कहाँ हो तुम ? हम्म.. हमने बेसबरे होकर आवाज लगाई ? अंजोरी ने दरवाजा खोला हमें देखकर बाहे फैलाकर गले लगाया ।मोली बहुत दिनों बाद आज तुम्हें अपने यहां देख कर बहुत खुश हुई।
ओह ! हो मोली ये सूरज आज पश्चिम से कैसे निकल आया।
अंजोरी अब हमें खड़े ही रखने का इरादा है क्या ? मोली आओ सखि बैठो, तुम्हें हमारी जरूरत कैसे आन पड़ी ? "वेलेंटाइन डे " स्पेशल कैसे मनाएं तुम से कुछ टिप्स चाहिए तुम तो आर्टिकल एक्सपर्ट हो। हाहाहाहाहा .......मोली लेकिन प्रेक्टीकल कभी नहीं किया ना ही सोचा तुमने कहा तो याद आया पिछले साल एक आर्टीकल छपा था पर हमारे पति ठहरे ठेठ भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि उन्हें तो इस सब से कोई मतलब नहीं है। अंजोरी कोई ऐसा टिप्स देना की ये हमें पहचान न पाए और हम इन्हें सरप्राइज कर दे। मोली, लाओ अपना कान इधर करो और सुनो क्या करना है ? मोली की आँखें खुशी से फैल गई। सखि ,अब मैं बाजार की ओर चलती हूँ। "बाय बाय अंजोरी। " टेक केयर मोली।" अंजोरी तुम्हारी सलाह पर अमल भी तो करना है। मोली बाजार गई और अंजोरी के बताए अनुसार खरीदारी की और अपने हुलिए को बदलने का एपाइंटमेंट ले लेकर घर आ गई। रात सुबह के इंतजार में बड़ी बेचैनी से बीती। घर का सभी काम समय से निपटा लिया और अपना हुलिया बदलने निकल पड़ी। पार्लर के मिरर में खुद को भी पहचान ही नहीं पा रही थी। मोली स्वयंम की छवि से मुग्ध हुए बिना न रह सकी। मोली ने अपने ही सिर पर एक चपत लगाई। चल मोली , अपने पीया वेलेंटाइन की तो आज राम .....ही जाने। घर आकर मोली ने बाहर से ताला लगा दिया और पीछे के दरवाजे से अंदर आ गई। मोली , को एक एक क्षण भारी पड़ रहा था। कुछ ही देर बाद ताला खुलने की जैसे ही आवाज आई तो मोली छुप गई। अंकित ने जैसे ही घर में कदम रखा भीनी-भीनी खुशबू नथूनों से टकराई थोड़ा आगे बढ़ा तो देखा डाइनिंग टेबल पर दिल के आकार का चाकलेट रखा था उसके आजू-बाजू रेड केंडिल जल रही थी। गुलदान में रेड रोज लगे थे उसके पास खूबसूरत एक कार्ड रखा था उस पर लिखा था अब देखते ही रहेंगे, बेडरूम में कपड़े रखे हैं बदल लें , अंकित बेडरूम में गया तो ठगा सा देखता रह गया पलंग पर लाल गाउन पहने सुंदर सा फ्रेंच नाट बनाए उस पर सुनहरे गुलाबों को लगाए एक महिला बैठी है। लाल रंग की मद्धम रोशनी में सौंदर्य की मूरत आखिर कौन है अंकित असमंजस में पड़ गया। में पहचाना नहीं आ...आ.,... आप कौन हैं और अंदर कैसे आई ? देखिए आप से अनुरोध है की मोली के आने से पहले यहाँ से चली जाए । अचानक से पलंग पर बैठी महिला तेजी से उसकी बढ़ी और अंकित जब तक कुछ समझ पाता जब तक महिला उससे लिपट गई और गाल पर एक चुम्बन जड़ दिया। अंकित के तो पसीने छूट गए महिला से आपने को जैसे ही अलग किया। मोली की हँसी छूट गई।" "पीया वेलेंटाइन" ये तो हम है।"
ओह ! हो मोली तुम ..हो..... आई एम सरप्राइज्ड।तुम तो आज इस वेस्टर्न ड्रेस में बहुत सुंदर लग रही हो। यहां आओ मेरे पास, मेरी प्यारी वेलेंटाइन के लिए मेरी तरफ से ये प्यारा सा गिफ्ट अंकित ने मोली को अपनी बांहों में भर लिया।

