Arvina Ghalot

Others

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Arvina Ghalot

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बाजी

बाजी

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पहला दृश्य कुरुक्षेत्र में रण भूमि पर दोनों और से सेना आमने सामने हैं ।


अर्जुन बोले :- हे केशव एक ही कुटुंब के लोग आज आमने-सामने हैं । कारण कोई भी हो लेकिन युद्ध तो युद्ध है । क्षति हर हाल में हमारी ही होगी ।


दूसरा दृश्य :- आज से किचिन को ताला लगा दिया है हम तो बाहर से मंगा कर खा लेंगे लेकिन ये लोग क्या करेंगे देखती हूं।

"गलत कर रही हो ये सब हमारे अपने हैं ।"

"युद्ध में सब जायज़ है ।'


तुम तो रहे भोला राम के भोला राम तुम कभी घर के बंटवारे की कह नहीं पाओगे मैंने शतरंज की बिसात बिछा दी है। 


तीसरा दृश्य :- ऐ जी इस बुढ़ापे में सठिया गए हो क्या? हर दिन शतरंज की बिसात बिछा कर अकेले इस युद्ध के मैदान को सजा लेते हो और ऊपर से ना जाने क्या क्या बड़बड़ाते रहते हो । जीवन में और युद्ध कम है क्या जो इसे और ... लड़ने बैठ जाते हो ? एक तरफ जवान बहू ,बेटे और एक तरफ हम बूढ़े इस शह और मात के खेल में कब तक टिक पायेंगे।


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