सांप सूंघ गया
सांप सूंघ गया
रिंकी साइकिल खड़ी करके टेलर की दुकान में घुसी आंटी कपड़े सिल रही थी ।
आंटी देखो आपके बेटे ने मेरी साइकिल पर पत्थर मारा ।
क्यों रे मैं क्या सुन री ये लड़की क्या बोल रही हैं ?
माँ रिंकी झूठ बोल रही ।
रिंकी बुलंद आवाज में बोली आई शपथ में झूठ क्यों बोलेगी ।
हो सकता तुझे वहम हुआ हो ।
नको वहम नहीं हुआ सच्ची में इसने पत्थर मारा ।
जिया तू बता तेरे भाई ने पत्थर मारा था ।
जिया ने हां में सिर हिलाया देखा आंटी जिया ने भी देखा इसने पत्थर मारा था ।
माँ ने जिया को घूर के देखा
चल चल घर जा ज्यादा बात ना बना ।
अरे आंटी मैं तुम्हारे बेटे को मारने को थोड़ी बोल रही परन्तु इस को ये तो बताओ की लड़की को चलती साइकिल में पत्थर मारना गलत है । इतना कह कर लड़की तो चली गई लेकिन माँ को जैसे सांप सूंघ गया।