STORYMIRROR

अपर्णा गुप्ता

Abstract

2  

अपर्णा गुप्ता

Abstract

फर्क

फर्क

1 min
232

रोज कभी ट्रेन एक्सीडेंट कभी बस के खाई में गिरने से लोग, कभी अस्पतालों  में मासूम बच्चे, कभी दंगा फसाद। रोज ही यमलोक के बाहर लम्बी कतार देख कर एक आत्मा ने दूसरे से कहा- "समझ नहीं आता कि इतने लोग रोज मरते हैं तब भी भारत में जनसंख्या बढ़ती जा रही है। भीड़ ही भीड़ दिखती हैं। जाने आगे क्या होगा..हे भगवान ...?

दूसरी आत्मा ने कहा- "या अल्लाह जब तक वहाँ अल्लाह और भगवान का फर्क नहीं खत्म होगा तब तक यही हाल रहेगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract