फरेबी

फरेबी

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हिना जिस फेमिली से थी,जहाँ लड़कियों की ज़्यादा पढ़ाई पर ज़ोर नहीं दिया जाता है, हिना की स्कूल की पढ़ाई तो पूरी हो गई, अब वो आगे की पढ़ाई के लिए माँ के तरफ देख रही थी, वो चाहती थी अम्मी ही अब्बू और बड़े भाई को मनाएं कि हिना को कालेज में शहर में एडमिशन दिला दें, हिना अपनी सहेलियों के साथ रह कर कालेज आना-जाना कर लेगी। अम्मी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी क्योंकि घर में मर्दों की ही हुकूमत चलती थी रही-सही कसर दादा अब्बू पूरी कर देते थे। हमेशा अब्बू और बड़े भाई और चच्चा जान को नसीहत करते रहते थे, घर की औरतों को ज़्यादा छूट न देंना चाहिए। 

हिना तो पहले से ही नर्वस थी घर में इस तरह के ख़्यालात सुन कर उसकी रही-सही उम्मीद भी ख़त्म हो गई। वो अपनी सहेलियों के बारे में सुन रही थी,उसकी बेस्ट फ्रेंड शालिनी ने कालेज का फार्म भर दिया है। धीरे-धीरे उसके साथ की पांच लड़कियों ने एडमिशन ले लिया था। एक दिन उसकी सबसे प्यारी फुप्पी आई, उनका घर में दादा अब्बू और बड़े भाई यानि हिना के अब्बू सब ही फुप्पी की सलाह को मानते थे। हिना ने फुप्पी को अपनी पढ़ाई के लिए दादा अब्बू और अब्बू को आप मान लें। हिना की पढ़ाई का उन्होंने घर में ज़िक्र किया अब्बू आप हिना को पढ़ने के लिए शहर भेज दें। आजकल लड़कियों की पढ़ाई बहुत ज़रूरी है। आप तो माशाअल्लाह बहुत बड़े जमींदार है। मुझसे ज़्यादा जानते हैं मैं तो एक नादान आपकी बेटी हूँ। आपका ही फैसला आखिरी होगा आप चाहे तो घर के और भी बच्चियाँ हिना से छोटे भाई है चच्चा जान की बच्चों को भी आगे पढ़ने की राह आसान हो जाएगी। 

मेरी तो सलाह है, आप बड़ी भाभी को वहाँ बच्चों के लिए घर लेकर रखें और बड़ी भाभी की निगरानी में ये बच्चे पढ़ाई पूरी कर लेगे । 

हिना अंदर सब सुन रही थी दादा अब्बू ने हिना को बुलाया, बताओ तुम आगे पढ़ना चाहती हो, हाँ दादा अब्बू मैं मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती हूँ मेरा पी.एम . टी.इंटरेन्स टेस्ट में अच्छे मार्क्स है आप परमिशन दें तो। 

ठीक है अब्बू ने कहा हम देखतें है कौनसा मेडिकल कॉलेज मिलता है उस हिसाब से सोचेंगे ठीक है, हिना को तो इतना ही काफी था क्योंकि घर में कोई जिक्र ही नहीं हो रहा था उसका आगे की पढ़ाई का उसने अंदर फुप्पी को गोद में उठा कर चारों तरफ घूमा दिया फुप्पी चींखती रही लड़की पागल हो गई है, मुझे गिराएगी क्या? मगर हिना तो जैसे नाच रही थी उसे तो ऐसा लग रहा था, पंख लग गए हो। 

 हिना इतनी ख़ुश थी कि रात भर सो नहीं पाई, सपनों में डूबी रही एक नई सुबह का उसका इंतज़ार कर रहा था।, कुछ महीनों बाद वो अब्बू और बड़े भाई के साथ मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले रही थी शुरू में घर वालों ने तय किया कि पहले कालेज के हास्टल में ही रख कर देखतें है, वहाँ वार्डन रहेगी और लड़कियां भी ज़्यादा रहेंगी। वहाँ सुरक्षित रहेंगी। हिना को बहुत सी हिदायतें दी गई और ये भी कहा गया कि तुम हमारी इज़्ज़त का ख़्याल रखोगी ऐसी कोई बात न होना चाहिए, जिससे हमें सोचना पड़े की तुम्हारी पढ़ाई छुड़ा दिया जाए। 

घर में बहुत ज़्यादा पर्दा और दीनी माहौल था जहाँ औरतों को कहीं अकेली नहीं जाने की इजाज़त थी। घर में गैर मर्दो को घर की बैठक से ही घर के बुज़ुर्ग दादा अब्बू और अब्बू ही बाहर से आए मर्दों को अटेंड करते थे, हिना के भी क्लासमेट लड़कों आना अलाव न था। हिना कालेज में गई तो बड़ा सा चश्मा और बदरंगी कपड़े सलवार-कुरते और हिज़ाब पहन कर जाती क्लास में घूसते ही लड़कियां में खुसूफूसूर चालू हो जाती लड़कियां उसकी ड्रेसिंग सेन्स पर हंसती थी,। 

लड़कियां और लड़कें सब हिना को बहनजी कह कर मज़ाक़ बनाते। हिना को फर्क नहीं पड़ता था वो तो सिर्फ अपनी पढ़ाई करने आई थी। उसकी बेस्ट फ्रेंड करीना हिना के लिए सबसे पंगा ले लेती थी। तुम लोगों को क्या करना है उससे । एक साल में ही हिना की क़ाबिलियत सामने आने लगी, वो पढ़ने के साथ ही खेल में और भी दूसरी एक्टिविटी में अव्वल आती। कालेज के सीनियर लड़कों में एक लड़का था बहुत हेंडसम शासिका जीनियस भी था और सब दोस्तों में हरदिल अज़ीज़, बहुत हंसमुख। 

 शारिक़ की निगाह हिना पर पड़ी तो बस देखता ही रह गया। हिना भले ही कितना ही सिम्पल आए मगर गज़ब का हुस्न दिया था उसे रब ने ख़ुबसूरती बेपनाह दी थी,कई लड़कें आहें भरते थे,मगर सब एक दूसरे को तसल्ली देते रहते बेटा सोच भी मत हिना किस चिड़िया का नाम है, ये तेरे ख़्वाबों से परे है ख़ूब ठहक्का मारकर अपनी खिसियानी हंसी हंस कर ठंड़ी आहें भर कर रह जाते। 

शारिक़ अब लगातार हिना से मिलन की कोशिश की मगर हिना हमेशा शारिक़ को देखकर रास्ता बदल लेती, लड़कियों को रब ने कुछ अलग ही इन्द्रियाँ दी होती है, जैसे उनकी दो आंखें पीछे भी हो, वो फौरन अलर्ट हो जाती है कोई उनका पीछा कर रहा है या लड़को का खतरा भांप लेती है। 

 शारिक़ ने ठान लिया था चुपचाप से एक दिन लाइब्रेरी में जाकर हिना को प्रपोज किया। हिना घबरा गई, देखिए मैं यहाँ पढने आई हूँ, प्लीज मुझे परेशान न करें।शारिक़ का हिना को प्रपोज़ करने का क्लास की लड़कियां को पता चला तो, आहे भरने लगी अरे इतना हेंडसम लड़का हम लड़कियों को छोड़कर, उस बहनजी जैसी लड़की में क्या दिखा जो उससे प्यार कर बैठा। 

यहाँ तक हिना की बेस्ट फ्रेंड करीना को मालूम पड़ा के शारिक़ ने प्रपोज़ किया। वो भी शारिक़ को मन ही मन चाहती थी, एक दिन हिना से चिढ़कर कहती है अच्छा आजकल मेडम इश्क़ फरमा रही हैं, और हमें बताना भी ज़रूरी नहीं समझा। 

 हिना ने अपनी दोस्त को कहा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, वो ज़रूर मेरे पीछे पड़ा हुआ है, मैं तो सिर्फ पढ़ाई करने आई हूँ, मेरे घर वाले मेरी पढ़ाई छुड़ा देंगे। 

 मगर कहते हैं न न करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे।

आखिर हिना को भी धीरे-धीरे शारिक़ की तरफ झुकाव होने लगा, हिना अक्सर पढ़ते-पढ़ते ख़्यालों में खोने लगी।शारिक़ कभी उसको काफ़ी के लिए केंटिन में चलने का कहता, कभी हमारे मेडिकल कॉलेज के पीछे पेड़ों का झुरमुट था वहाँ शारिक़ ले जाता था हिना भी प्यार के ख़ुबसूरत अहसास में खोने लगी,कहते ख़ुबसूरत लम्हे ं बड़ी तेज़ी से निकल गए तीन साल हो गए हिना का घर छुट्टियों में आना-जाना रहता । हिना छुट्टी से लोटी तो शारिक़ कई दिनों तक नहीं दिखा, हिना भी अपनी थर्ड इयर की पढ़ाई में मसरूफ़ हो गई फिर भी शारिक़ की कमी शिद्दत से याद आ रही थी। शारिक़ का फाइनल हो गया था उनको दूसरे हास्पिटल में इंटरनल शिप चल रही थी हिना को लगा उसमें ही बिज़ी होगा। 

एक दिन करीना ने हिना से आ कर कहा, तुम्हें पता है शारिक़ शादी कर रहा है, हिना की बेस्ट फ्रेंड करीना उसके मौहल्लै में ही रहती थी, हिना पर तो ये ख़बर गाज ले कर गिरी, हिना को यक़ीन नही आ रहा था करीना ने बताया शारिक़ के अब्बू बहुत बड़े पोलिटिक्स में है उनके ही किसी बड़े पोलिटिक्स फायदे के लिए अपने दोस्त की बेटी से शादी तय की है। 

 हिना ने शारिक़ को कई फोन किए पहले तो उसने 

फोन उठाया ही नहीं, जब मैसेज से कहा मै अभी बिज़ी हूँ। करीब पन्द्रह दिन बाद कॉलेज आया हिना से मिला तो उसको ज़रा भी मलाल नहीं था, हिना ने ताना मारते हुए शारिक़ को #मुबारकबाद दी,मुझसे प्यार का झूठा नाटक क्यों किया? शारिक़ का जवाब था "शादी तो माँ-बाप की पसंद से ही की जाती है।"ऐसे प्यार -मोहब्बत में पड़ने वाली लड़कियों से शादी थोड़ी कि जाती है,वो तो #टाइमपास** होता है ।

हिना ने गुस्से में ख़ूब बुरा भला कहा शारिक़ तुम ने तो कई बार ऐसे मौके आए जब तुमने मुझे पाने की कोशिश की, *अगर मैं ज़रा सा तुम्हारे प्यार में बहक जाती तो तुम तो मेरी इज़्ज़त तार-तार कर देतें, शारिक़ तुम सिर्फ मेरे जिस्म को पाना चाहते थे। तुम बहुत ही गिरे हुए इंसान हो प्यार करने के लिए कैसे-कैसे झूठे स्वांग रचे तुम इतने बड़े #फरेबी निकले !

हिना बहुत टूट गई थी, और पढ़ने में भी दिल नहीं लग रहा था, हास्टल आई और अपने बेग में कपड़े ठूंसे और बस स्टैंड आ गई घर जानें के लिए माँ को बता नहीं सकती थी बस एक चच्चा जान की बेटी सुहानी थी, वो हिना की राज़दार थी। हिना जैसे-तैसे बेजान क़दमों से बस में बैठ गई,अपने जिस्म को लाश की तरह घसीट कर घर पहुंची अम्मी ने दरवाज़े पर ही हिना को इस हालत में देखा तो घबरा गई। घर में बस यही बताया कि एक दो दिन से बीमार थी बुख़ार आ रहा था, तो सोचा घर आ जाती हूँ। 

हिना की कज़िन समझ गई थी कुछ ओर मसला है जैसे ही बड़ी अम्मी, घर के बाक़ी लोग चले गए तो सुहानी ने हिना को घेर लिया बताओ क्या हुआ है मैं सब जान रही हूँ तुम घर वालों को बेवकूफ बना सकती हो, मुझे नहीं। सच-सच बताओ अप्पी कुछ तो आपके साथ हुआ है। जैसे ही सुहानी ने हिना को बड़े प्यार से झिड़की दी तो हिना फफक कर रो पड़ी बस यही कहा सुहानी उसने मेरे साथ फरेब किया। सुहानी फौरन समझ गई शारिक़ ने।

सुहानी अपनी अप्पी के प्यार की बातें सुनने के लिए बेकरार रहती वो अक्सर हिना के आने का इंतज़ार करती थी और बड़ी मज़े से बड़ी बहन की राज़दार बनी हुई थी।अभी 12 क्लास में ही थी, नई उम्र थी और ख़्वाबों में रहती थी अभी ये न समझती थी कि बाहर की दुनिया बहुत शातिर होती है सुहानी नहीं जानती थी। वो तो ख़्वाबों, ख़्यालों में जीने वाली नादान बच्ची थी। 


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