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Rubi 1996

Horror Crime Thriller

3  

Rubi 1996

Horror Crime Thriller

part 5 टैरो कार्ड

part 5 टैरो कार्ड

5 mins
8

कुछ देर बाद निशा की आंखें खुली। उसने अपने आप को लाइब्रेरी में अकेला पाया। उसने जैसे तैसे अपने आप को संभाला। उसके घुटनों में भारी दर्द हो रहा था। वह ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी। उसे इस समय बिल्कुल वैसा महसूस हो रहा था जैसा कार्तिक के साथ नाइट ओवर बिताने के बाद हुआ। वह लाइब्रेरी में जो सन्नाटा महसूस कर पा रही थी वह किसी डरावने संगीत से कम नहीं था। उसने अपने कदम आगे बढ़ाएं। उसके सैंडल्स की टिक टॉक पूरे लाइब्रेरी में गूंज रही थी। निशा लाइब्रेरी के बाहर निकली। उस कॉरीडोर में भी वैसा ही सन्नाटा था जैसा लाइब्रेरी में था। इस डरावने सन्नाटे को पार करके जाना निशा के लिए मुश्किल होता जा रहा था।


****


निशा घर पहुंची। उसने देखा उसके पापा फोन पर किस से बात कर रहे हैं। वह बार-बार निशा का जी़कर कर रहे थे। निशा के पापा ने जैसे ही पलट कर देखा, उनकी नजर निशा पर गई। उन्होंने फोन रखा और निशा को रुकने के लिए कहा।


डैड:"निशा, बेटा पता है, वेदिका की बड़ी बहन अंजलि न्यूयॉर्क में रहती है। वह एक बहुत बड़े हॉस्पिटल में साइकेट्रिस्ट है। वेदिका ने उनसे बात की, डॉ अंजलि ने कहा कि इसका इलाज किया जा सकता है। यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है। कई सारे पेशंट्स स्लीपिंग पैरालिसिस से पूरी तरह से ठीक हो चुके है। जब वेदिका ने उनसे तुम्हारे बारे में बात की तब उन्होंने कहा कि वह तुम्हारा इलाज कर सकती है और उनके घर में तुम्हारा रहने का भी इंतजार कर सकती है।.... अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है तो क्या मैं उन्हें हां कह दूं?"


निशा ने वेदिका कि तरफ देखा। वेदिका के चेहरे पर इस वक्त बहुत ज्यादा परेशानी दिखाई दे रही थी।

निशा ने वेदिका की तरफ देख कर अपने डैड से कहा।


निशा:" मैंने तो नहीं सुना इनकी न्यूयॉर्क वाली बहन के बारे में कभी?... मेरी बीमारी का नाम सुनते ही यह अचानक से कहां से पैदा हो गई?"


वेदिका ने समझाते हुए कहा। 


वेदिका:"दरअसल वह मेरी बड़ी बहन है, हमारे पेरेंट्स का तलाक हो गया था ,तब से मैं अपने पापा के साथ यहां और अंजलि हमारे मम्मी के साथ न्यूयॉर्क में रहने लगी। मम्मी पापा एक दूसरे से इतना खफा रहते थे कि ना तो वह हम से मिलने आते और ना ही हमें मिलने देते। जिसकी वजह से हम दोनों बहने भी एक दूसरे से दूर रहा करती थी। पर पता नहीं क्यों, अभी कुछ घंटे पहले ही उसका कॉल आया और बातों-बातों में मेरे मुंह से तुम्हारे स्लीपिंग पैरालिसिस की बात निकल गई। उसने भी खुशी खुशी तुरंत तुम्हें यहां भेजने के लिए कहा।"


डैड:"देखो निशा यह सब कुछ अचानक और इतनी जल्दी जल्दी हो गया कि, हमारे लिए भी इन सब पर यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है। अंजलि जो कि इतने सालों से वेदिका से दूर रहती थी, उसका अचानक वेदिका को कॉल करना भी हमारे लिए अजीब है। अब तुम से इत्तफाक समझो या तुम्हारी किस्मत.... लेकिन अगर तुम नहीं जाना चाहती हो तो इटस ओके।"


निशाने अचानक से कहा।


"नहीं डैड मैं जाना चाहती हूं।"


"ठीक है ,अंजलि ने कहा वह तुम्हारे लिए अगली फ्लाइट बुक कर सकती है ।मैं उनको अभी मैसेज कर देता हूं कि तुम आ रही हो।"

 निशा के लिए यह भी बहुत अजीब था। वह अपनी कमरे में चली गई। 


****


निशा अपने कमरे में आई। वह आते ही शालू को अपने कमरे में ढूंढने लगी। शालू से कही नहीं दिखी। निशा अब परेशान होने लगी। शालू अचानक से एकदम से निशा के सामने आ गई। जिसे देख निशा एकदम से डर गई। 


निशा:"क्या बेवकूफी है? तुम कहां गायब हो जाती हो? तुम जब मेरे अंदर आती हो तो कुछ समझ नहीं आता और जब मेरे शरीर से बाहर निकलती हो तब पता भी नहीं चलता। क्या है यह सब?"


शालू :"आरव कितना क्यूट है ना? तुमने इतने क्यूट लड़के को क्यों छोड़ दिया? देखा ,अब वह सुहाना के साथ है। सुहाना कितनी लकी होगी ना? मुझे अब तक यकीन नहीं हो रहा कि तुम और आरव पहले साथ थे ।तुम दोनों का ब्रेक अप क्यों हुआ?"


निशा :"वह सब छोड़ो , पता भी है ,अभी-अभी क्या हुआ? वेदिका की कोई बहन है जो न्यूयॉर्क में रहती है। मुझे वहां बुला रही है , मेरी इलाज के लिए। पता है, उसने आज से पहले कभी वेदिका से बात नहीं की थी ।आज अचानक उसका कौन आया और उसने मुझे न्यूयॉर्क अपने पास बुलाया । कितना अजीब हे यह।..."


शालू :"इसमें अजीब क्या ?तुम्हें तो खुश होना चाहिए! तुम्हारी यह विश भी मैंने पूरी कर दी। अब तुम्हारे साथ मुझे भी न्यूयॉर्क जाने का मौका मिलेगा।"


निशा :"क्यों ?तुम तो बिना पासपोर्ट के कहीं भी जा सकती हो? ऐसे में तुम्हें मेरी क्या जरूरत? रही बात खुश होने की, तो मुझे तो समझ में नहीं आ रहा मैं कैसे रिएक्ट करुं? अगर वेदिका ने किसी और तरीके से मेरे लिए कुछ किया होता तो मैं मुंह पर मना कर देती, लेकिन इस वक्त मैं उसी के वजह से न्यूयॉर्क जा पा रही हूं ।पता नहीं मुझे जाना चाहिए या नहीं।"


निशा के मुंह से वेदिका का नाम सुनकर शालू को बुरा लगा। वह जाकर एक कुर्सी पर बैठ गई। उसने नाराजगी भरी आवाज में कहा।


शालू:"तुम्हें लगता है ना कि वेदिका ने ही अचानक से अंजलि को फोन किया होगा ।जब की वह यह तक नहीं जानती थी कि अंजलि इस दुनिया में रहती है। दोनों एक दूसरे को करीब करीब भूल चुकी थी और अचानक से अंजली तुम्हारे लिए वेदिका को फोन करेगी ? यही लगता है ना तुम्हें ?तो ठीक है जाओ और मना कर दो । लेकिन उसके बावजूद तुम न्यूयॉर्क जाओगी। यह तुम्हारी विश किसी ना किसी तरीके से पूरी होकर रहेगी ।....चैलेंज है मेरा।"



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