पापा मेरे हीरो
पापा मेरे हीरो


आज शर्माजी ने जब दफ्तर में खाने का डिब्बा खोला तो डिब्बे में से एक छोटी सी पर्ची निकली जिस पर लिखा था -
मेरे पापा वीर बड़े, कोरोना के साए में बढ़े चले,
किसी वीर सिपाही से खुद को कम न समझना,
घर के लोगों की रक्षा हेतु, खुद होना सदा आगे खड़े,
रखना खयाल पापा अपना, शाम को जल्दी आके मिलना
मेरे पापा वीर बड़े, पापा मेरे हीरो बड़े....
आपका बेटा चीकू!
जिसे पढ़ कर शर्मा जी की आंखें नम हो गईं।