Happy{vani} Rajput

Inspirational Children

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हमारी सफलता का श्रेय हमारे पापा को.......

हमारी सफलता का श्रेय हमारे पापा को.......

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"बहुत बहुत बधाइयाँ खुराना साहब" शर्मा जी ने कहा।

"धन्यवाद शर्मा मेरे यार ! खुश कित्ता , भुल्लि न, शाम को मिलते हैं पार्टी व्हिच" खुराना साहब उत्साह से बोले

खुराना साहब का अपना जूतों का कारोबार है। आज जगह जगह से सब के फ़ोन कॉल्स आ रहे थे और आएं भी क्यों न उनकी दोनों जुड़वाँ बेटियों का चयन इंडियन नेवी में जो हो गया था और खुराना साहब ने ये पार्टी अपने दोनों बेटियों के इंडियन नेवी में चुने जाने के उपलक्ष्य में दी थी। शाम को सब आते हैं खुराना जी के यहाँ और तोहफे और बँधाइयाँ देते हैं।

मंच सजता है शर्मा जी कहते हैं "कुछ बोल तो बोल दे अपनी बेटियों के लिए"

खुराना साहब मंच पर आते हैं सीना चौड़ा करते हुए और कहते हैं "आज इस ख़ुशी के अवसर पर मैं अपनी बेटियों से एक बात कहना चाहूंगा। जब तुम दोनों मेरे जीवन में आईं थी तब ही मैंने परमात्मा को शुक्रिया किया था कि उन्होंने मुझे बेटियां दी है जो मुझे बेटे न होने का कोई गम नहीं। आज मेरी तुमको आत्मनिर्भर बनाने की ज़िम्मेदारी खत्म होती है पर ये तुम्हारा पापा सदा तुम्हारे साथ है और मुझे कोई मलाल नहीं अगर आगे चल के तुम अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीना चाहो तो जी सकती हो चाहे शादी करना या न करना इसका फैसला तुमपे छोड़ता हूँ , मेरी तरफ से तुमपर किसी भी तरह का दवाब नहीं होगा। तुम दोनों मेरे लिए बेटों से भी बढ़कर हो मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं।" कहते कहते खुराना साहब की आँखें नम हो जाती हैं

कैमरामैन और मीडिया बेटियों कंचन और कीर्ति से पूछते हैं आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देती हैं, इस पर कंचन और कीर्ति मंच पर आकर कहती हैं "याद है पापा हमें जब हम बहुत छोटी थीं तब दादी और बाकि लोगों के कहने पर भी आपने माँ से कभी बेटा न होने की दरकार नहीं की। आपने हमें पढ़ाया - लिखाया और अपनी सुरक्षा करने के साथ साथ आत्मनिर्भर भी बनाया और इस काबिल बनाया कि हम दोनों अपनी ज़िन्दगी बिना शादी के भी जी सकें और अपना पूरा जीवन भारत माता की रक्षा करने में बिताएं। आपने हमें बहुत प्यार और सम्मान के साथ बड़ा किया है। आप हमारी प्रेरणा हैं और हमारी सफलता का श्रेय आपको जाता है क्यूंकि दिन रात मेहनत कर के आप हमें कराटे क्लासेज लेके जाते थे और हमें हमारी सुरक्षा हम खुद कर सकें हमें सिखाया और हमारे साथ हर परीक्षा की रात साथ बैठते थे। ईश्वर से कामना है कि हर लड़की को हमारे जैसी सोच वाले पिता मिलें" इतना कहकर दोनों खुराना साहब के गले लग जाती हैं।

यह देख कर शर्मा जी ने कहा "खुराना तेरे जैसा पिता अगर हर बेटी को मिल जाए तो दुनिया की कोई भी बेटी कभी भी अपने आपको असुरक्षित महसूस नहीं करेगी। तूने सही मायनों में बेटियों को अपनी सुरक्षा करना और आत्मनिर्भर बनना सिखाया है। बहुत बहुत गर्व है की मैं तेरा दोस्त हूँ।

खुराना जी ने कहा मैं यहाँ सभी उपस्थित लोगों से कहता हूँ बेटी की शादी का न सोच के अगर हम उसे उसकी सुरक्षा करना और आत्मनिर्भर बनना सिखाएं तो भारत माता की रक्षा तो अपने आप ही हो जाएगी।

सखियों ! मेरी इस प्यारी सी कहानी पर अपने राय ज़रूर दें ताकि उन गलतियों से सीख के भविष्य में अपने विचार व्यक्त कर सकूँ।


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