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Madhavi Sharma [Aparajita]

Abstract Classics Inspirational

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Madhavi Sharma [Aparajita]

Abstract Classics Inspirational

नशा [11जून]

नशा [11जून]

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मेरी प्यारी संगिनी

आज फिर नियत समय से थोड़ा पहले ही आ गई, आज मेरी हेल्पिंग हैंड, मतलब कामवाली बाई छुट्टी पर है, इसलिए आज काम जल्दी निपट गया,,

जानती हो संगिनी, नशा किसी भी चीज का अगर इंसान पर चढ़ जाए तो, या तो उसे सुधार देता है, या फिर धरातल पर ला पटकता है, नशा प्रभु से साक्षात्कार का हो, तो आनंद ही आनंद है, परंतु अगर यही नशा मादक पदार्थों का है, तो बर्बादी है, नशे ने बहुत घर बर्बाद किए हैं,

इसीलिए नशा अगर करना ही है संगिनी, तो सत्संग का नशा कीजिए, भजन कीर्तन का नशा कीजिए, परंतु शराब जैसे मादक द्रव्यों का कतई नहीं, क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ, पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है,,,,

आज का "जीवन दर्शन"

रिश्तों में आपसी तालमेल, प्रेम और विश्वास के साथ साथ पारदर्शिता भी, बेहद ज़रूरी है, तभी रिश्ता कायम रहता है, फिर चाहे वह कोई सा भी रिश्ता हो,,,,

आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल फिर से मेरी "प्यारी संगिनी"


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