स्थान
स्थान
हम सभी के लिए अपना जन्म स्थान बहुत मायने रखता है...
बेटियों का तो प्रारब्ध है कि उन्हें, अपनी जन्मस्थली को छोड़कर, दूसरी जगह पल्लवित और पुष्पित होना पड़ता है, लेकिन अपने मायके का मोह उन्हें मरते दम तक रहता है, और वे समय-समय पर वहाँ आती जाती रहती हैं।
आजकल बेटे भी उच्च शिक्षा पाने के पश्चात, कई बार अपनी जन्मस्थली से बाहर की ओर प्रस्थान कर जाते हैं, रोजी रोटी कमाने के लिए, ऐसा करना उनके लिए ज़रूरी भी होता है, लेकिन वे चाहे कहीं भी रहें, छुट्टियों में अपने घर ज़रूर आते हैं, उस स्थान से उनका लगाव कभी कम नहीं होता, और होना भी नहीं चाहिए।
अपनी जड़ों को हमें, कभी नहीं भूलना चाहिए, उन्हें समय-समय पर स्नेह रूपी खाद पानी से जरूर सींचना चाहिए, तभी हमारी शाखाएं पनपेंगी, तथा फलेंगी और फूलेंगी।
