दीपावली
दीपावली
दीप जलाएं, तथा घर आँगन के साथ-साथ अपने अंतःस्थल को भी प्रज्वलित करें, कलुषित विचारों तथा ईर्ष्या द्वेष का तमस मन से दूर भगाएं, लेकिन कैसे जलाएं मन में दीप??
महान प्रवक्ता ओशो के अनुसार हम जिन से प्रेम करते हैं, उनका सम्मान करें दीपावली ही नहीं, हर दिन निकटतम लोगों का, जैसे पति पत्नी, बच्चे, भाई-बहन, घर के बड़े बुजुर्ग, सभी एक दूसरे का आदर सम्मान करें, सबके मन में दिए जल उठेंगें।
आजकल लोग एक दूसरे के साथ एडजस्ट करते हैं, शायद इसीलिए दिल से नहीं जुड़ पाते, क्योंकि यह प्रेम नहीं है, हर शख्स प्रेम का प्यासा है, प्रेम करके देखें, दिल रोशन हो जाएगा, वही कीजिए जिससे आपको ख़ुशी मिलती है।
ख़ुशियों के पलों को, बूंद बूंद कर इकट्ठा कीजिए, आप का अंतःस्थल भी खुशी का सरोवर बन जाएगा, तथा हजारों दीप अंतर्मन में प्रज्वलित हो उठेंगे।