निश्चय
निश्चय
अक्सर रूचि, मां कि अनबन होती
मां जानती थी,बढ़ता मोटापा परेशानी का कारण है,
हर वक्त मुझे....
योग करने की सलाहा ....। मगर वह अनसुना करती रही उसका मोटापा बढ़ गया व चेहरे में दाने आ गए मगर उसे जब कॉलेज के पहले ही दिन कई बार सहेलियों ने मजाक में कह दिया
कालेज के फैशन शो मे भी ,चाहकर भी भाग न ले सकी
जब भी उसे घर में कोई कुछ कहता तो उसे भी अब एहसास होने लगा था कि वह गलत खानपान की आदत की वजह से...
गलत आदतों की वजह से वह कई बार बीमार भी होती, जिससे पढ़ाई व घर का बजट बिगड़ने लगता..
मन में अपने प्रति बदलाव की जरूरत महसूस हुई....
उसने खानपान की आदत बदलाव की बात मां से कहीं ,मां खुश और रुचि ने तीन चार महीनों में ही खुद को पूरी तरह से सकारात्मक रूप से बदल लिया
यह चिंगारी है जो जल गई तो कोई नहीं रोक सकता रुचि का बदलाव देखकर लोग उसकी तारीफ करने लगे और मां ने कहा किसी ने सच ही कहा है कोई किसी को नहीं बदल सकता जब तक व्यक्ति खुद को निश्चित करके आगे बढ़ने का मन ना बनाएं।