Twinckle Adwani

Others

4  

Twinckle Adwani

Others

खत

खत

5 mins
194



मेरी प्यारी मां


कभी-कभी जो चीजें हमें शादी से पहले अच्छी नहीं लगती थी आज वही चीजें अच्छी लगती है। या यूं कहो उम्र के बाद समझदारी बढ़ गई है मां के जाने के बाद मुझे ,मां की हर बात सही लगी सच में मां एक गुरु की तरह जिन्हें मैंने अनदेखा किया मेरी शादी के 4 माह बाद ही मां चल बसी एक भयंकर रेल हादसे में, मैं उन्हें हमेशा कहती थी घर में रहती हूं कभी तो कहीं जाओ वह हमेशा के लिए चली गईं....... उफ.... कितना अनिश्चित है ये  जीवन.......

मां के जाने के कुछ दिनों बाद ही लॉकडाउन लग गया मैं मायके में ही थी ।चाचा चाची भी लॉक डाउन की वजह से नहीं आ पाए ,मां की अस्थियां विसर्जन के लिए इलाहाबाद गए थे , चाची का मायका भी वहीं था मगर ट्रेन बंद होने की वजह से वो नहीं आ पाए मां के बिना पिताजी जल्दी बूढ़े लगने लगे थे वह कमजोर भी, दादी तो पहले ही बीमार रहती थी । घर में हम चार भाई बहन फिर चाची की दो बेटियां और बुआ व उनकी बेटी भी रूकी गई थी जो कोरोना के कारण दिल्ली वापस न जा सकी, घर में कोई मदद करने वाली महिला भी ना थी पहली बार मां,चाचाजी के बिना घर में रही वो भी रसोई में काम से ज्यादा थकान.... उनके ना होने के एहसास को लेकर थी.....

मां को साफ सफाई हमेशा से ध्यान रहता था बिना हाथ मुंह धोए किसी को खाने नहीं देती थी और ना ही बाहर के चप्पल हम अंदर लाते हैं और ना ही बिना कपड़े बदले बाहर से आकर हमे बैठने मिलता था । इस वजह से कोरोना काल में हमें ...इस आदत के चलते परेशानी नहीं गई 

लॉकडाउन में सब घरों में थे काम बहुत ज्यादा होता था ।बाहरी व्यक्ति को मदद के लिए बुला नहीं सकते थे और हर काम खुद करना पड़ता था मां ने हमेशा से सबको सिखाया अपना काम खुद करो यहां तक कि बिस्तर हम कपड़े भी अपने खुद ही धोते थे मां आज पता चला आप सही थी तब मैं गुस्सा करती थी और कहती थी ऐसा पैसा किस काम का जब खुद ही नौकरानी बन जाए लेकिन आज आपकी आदत ने मुझे मजबूत बना दिया और मेरे काम को भी कम कर दिया क्योंकि सभी भाई-बहन अपना काम खुद ही करते हैं।


आपने इतनी चीजें बनानी सिखाई कि मुझे कभी दिक्कत ही नहीं गई सबकी पसंद स्वास्थ्य मौसम यहां तक की रेट का ध्यान रखकर ही में चीजें बनाती थी। आपने तो पूरा आयुर्वेद मुझे पढ़ा दिया था इसका फायदा अब हो रहा है लॉकडाउन ऐसा समय था जब कोई नकारात्मकता बढ़ गई थी बेरोजगारी ,डिप्रेशन, गरीबी बढ़ गई कई लोग आत्महत्या कर रहे थे मन से लोग कमजोर होने लगे थे। सब को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी भी मेरी थी सबको जल्दी उठने ,नाहने के लिए रोज कहती सब मिलकर दुगा कवच का पाठ करते थे। सुबह शाम घर में आरती करते थे पूजा-पाठ बहुत किया सच में हम सब आपके बिना टूट गए लेकिन एक दूसरे का सहारा बने रहे।

कई बार अनबन भी हो जाती थे भाई बहनों से, दादी से भी फिर आपकी वह उंगली याद आती जब आप हमेशा चुप रहने के लिए मुंह मे रखती ,मन में कई बार बहुत हलचल होती थी फिर अब वह भी कम है मां क्या कहूंगा.... आप पास होती ....मै पहले की तरह चिल्लाती नहीं जवाब नही देती बहुत बार खुद ही चुप हो जाती हूं आपको याद करके......

 जब किसी रिश्तेदार की शादी होती या  किसी कामवाली बाई को, आसपास के लोगों को मदद की जरूरत होती है ।चाहे कैसी मदद हो आप हमेशा तैयार रहती, मां...।।घर के पीछे वाली बस्ती में कई बेरोजगार हो गए जो रिक्शा आटो चलाते थे घरेलू काम करती थी महिलाएं वह सब बेरोजगार हो गए हमारे पास आए उन्हें कई दिनों का राशन दिया उसको सब्जी बेचने किराना का सामान बेचने के लिए आर्थिक मदद की, कई दिनों तक पापा ने रात्रि लंगर की व्यवस्था आपके दानपेटी से कर दी खुशी होती थी आपके पैसे कुबेर की तरह है कभी खत्म ही नहीं होते आप सही कहती थी दान पेटी में दान के लिए पैसे डालने चाहिए इससे कितने लोगों की मदद हो जाती है ।

आप रोज पेड़ पौधों में पानी देने के लिए पक्षियों को अन्न व जल देने के लिए छत मे जाती थी आज बहुत सालों बाद में छत मे, पेड़ पौधों के साथ रहकर  शांति व खुशी मिल रही थी रोज पक्षियों को दाना देने से उनसे मेरी दोस्ती हो गई उनकी संख्या भी बढ़ गई है। आपका बनाया किचन गार्डन आज पूरा सब्जी से भर गया है लॉकडाउन में ज्यादातर सब्जियां गार्डन से लेकर बनाई , 

लॉग डॉन की वजह से कोई बाहर घूमने नहीं जाता मगर फिर भी प्रकृति वह अपनों के साथ ज्यादा समय दे पा रहे आज समझ में आया आप  क्यों दिखावा घूमना पसंद नहीं करती थी जब हम खुद के साथ हो तो, हमें पूर्णता का एहसास होता है छोटी-छोटी इच्छाएं कहां बचती है।

मां आपके जाने के बाद मुझे आपकी हर बात आज सही लग रही हैं आप मेरे पास नहीं लेकिन हर पल मेरे साथ हो, ऐहसास मुझे शक्ति देता है मां मुझे मेरी नादानी उसके लिए माफ करना।आज जब छोटी व आदि को लड़ते देखा तो मुझे भी आपकी तरह हंसी आ रही थी इतनी छोटी मोटी फालतू बातों में लड़ा करते थे समय खराब करते थे मन खराब करते थे ऐसे ही कहती थी ना आप... मां ....मां ...सब कहते हैं मैं आपकी तरह बन गई हूं सच मैं आपकी तरह बनना चाहती हूं.

 आई लव यू मां

अभी सब ट्रेनें खुल गई हैं । परिस्थितियां पहले से बेहतर है इसलिए अपने ससुराल जा रही हूं चाचा चाची भी घर आ चुके हैं । आप कहती थी मरने के बाद लोग सितारे बन जाते हैं आप कौन सा सितारे है नहीं पता....... खत तो आपके लिए है मां इसे जरूर पढ़ लेना

आई लव यू मां.....आई लव यू मां...........

 आपकी बेवकूफ बेटी



Rate this content
Log in