Twinckle Adwani

Inspirational

4.0  

Twinckle Adwani

Inspirational

उन्नति

उन्नति

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202



 विनोद के पापा से उसे व्यापार में सहयोग करने के लिए कहते थे मगर पापा की बात को अनसुना करता था उसे दोस्त और टीवी से ज्यादा लगाव होने के कारण और पापा की बातों में ध्यान न देता, आप हो ना पापा मैं शादी के बाद आपका बिजनेस संभाल लूंगाऔर इस बीच देश में कोरोना आया और  परिवार अछूता ना रहा पापा कोरोना कि वजह से......पापा.....

व्यापार अच्छा था मगर विनोद को कोई अनुभव नहीं था पापा के अनुपस्थिति में उसने जिम्मेदारी ली और व्यापार को संभाला , गंभीरता हो गया और व्यापार में भी नए आयाम स्थापित किए , मगर मन ही मन उसे खेद था कि मैं पापा के अनुभव का लाभ न ले  सका  

मगर पापा के दोस्तों और सहयोगियों की मदद से बहुत चीजों को समझता और उसी आधार पर निर्णय ले पाता था जिसकी वजह से वह व्यापार में उन्नति करने लगा मगर फिर भी पापा की तरह........... पापा का नाम सुनकर लोग अपनत्व दिखाते और तारीफ करने लगते हैं पापा की इमानदारी और अच्छे व्यवहार कि तारीफ सुनकर गर्व महसूस होता।

 

आज पापा की बरसी में उसे महसूस हुआ ..उनकी कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता था मगर उनकी यादों मे उसने स्टाफ के लिए काफी कुछ किया।अक्सर पापा को कहते सुना था......ऑफिस के कर्मचारी हमारे परिवार की तरह हैं उनके शिक्षा स्वास्थ्य का ध्यान हमेशा रखो .......

जिसके चलते उसने हमेशा .....कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा था फिर भी उसने कर्मचारियों को एक परिवार की तरह रखा और उनके वेतन को ना काटा बीमा करवाया व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई।पुनःजब सब काम पर सब आए तो एक नई ऊर्जा के साथ विनोद का साथ देने लगे पापा कही बाते ही ........जिसकी वजह से उन्नति कर .......।



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