सम्मान
सम्मान
"आज मुझे जाना है"
"शाम को मुझे जाना है। बच्चों को..."
"घर पर आज कोई नही"
"अरे तुम रहने दो ..आज मुझे जाना है आज कॉलेज छूटने के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मान समारोह है"
"शहर के सभी प्रसिद्ध प्रोफेसरों को बुलाया गया है तुम.."
"लेकिन मुझे भी संस्था के प्रोग्राम में ही जाना है महिला दिवस मनाएंगे तुम फोन करके मना कर दो ना, बच्चों को नहीं ला सकते इतने छोटे बच्चे के साथ तुम कहां जाओगी?"
रमा ने हामी भर दी और मन ही मन सोचती रही कैसा सम्मान है जहां मेरी भावनाओं की कदर ही नहीं और अगले ही दिन अखबारों की सुर्खियों में पति की फोटो के साथ लिखा था महिलाओं को दिया जाने वाला सबसे बड़ा उपहार सम्मान है.रमा पढ़ कर सोचने लगी इस सम्मान की शुरुआत घर से हो तो कितना अच्छा...सार्थक होता महिला दिवस।