Twinckle Adwani

Children Stories Inspirational

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Twinckle Adwani

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निंदा

निंदा

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गंगा मे डुबकी लगाते ही बेटा बहु खुश होने लगे,"सारे पाप उतर गए मां..."

मां हँसने लगी

मां दादी कहती थी ,"गंगा को कुछ देना।"

"क्या दूँ ?बेटा ,देना नही कुछ छोड़ना "

"मतलब"

"मतलब कोई शराब छोडता है तो कोई खाने की चीज जो प्रिय हो "

"तभी काका ने पान छोड़ था..मां मैं क्या ..."

तुम निंदा , छोड़ दो निंदा करने से हमारे अच्छे कर्म भी मिट जाते है,निंदा से हमारी नकारात्मकता बढ जाती है. ,"

"आप सही कह रही हो ,मां"

तीनों डूबकी लगाते हुए निंदा न करने का सकल्प लेते हैं । 


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