Renu Poddar

Abstract

1.4  

Renu Poddar

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नींद मेरी हक़ तुम्हारा

नींद मेरी हक़ तुम्हारा

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सेजल को आज ब्यूटी पार्लर में बहुत काम था क्यूंकि दो ब्राइडल मेकअप आ गए थे। उसने जिस लड़की को हेल्प के लिए लगा रखा था, वो भी आज छुट्टी पर थी। पार्लर तो उसने घर के ही एक कमरे में खोल रखा था। 

घर के अंदर आते ही उसने अपनी चार साल की बेटी नायरा को खाना खिलाया। उसके बाद उसने खुद खाना खाया। घर के सारे काम खत्म करने में उसे 11 बज गए। उसका पति साहिल अभी तक घर नहीं आया था। उसने खाना कैसरोल में लगा कर टेबल पर रख दिया और नायरा को सुलाने लगी। नायरा को सुलाते-सुलाते उसको भी नींद आ गयी क्यूंकि वह भी सुबह 5:00 बजे की उठी हुई थी और आज थक भी बहुत गयी थी। 

करीब एक बजे उसकी अचानक से आँख खुली साहिल उसके ऊपर लेटा हुआ था। सेजल ने उसे कहा "क्या कर रहे हो ? आज में बहुत थक गयी हूँ। साहिल ने कहा "मेरा बहुत मन कर रहा है।" सेजल ने उसे पीछे करते हुए कहा "नायरा उठ जायेगी, मुझे सुबह भी जल्दी उठना है। एक बार मेरी नींद खुलने के बाद, मुझे बहुत देर तक नींद नहीं आती। पर वह किसी तरह नहीं माना। सेजल अपने को बहुत ही लाचार समझ कर अंदर ही अंदर रो रही थी। नायरा की वजह से वह न तो खुल कर रो सकती थी और न ही कुछ बोल सकती थी। सेजल पूरी रात यही सोचती रही रोज़ का साहिल का यही हो गया है। देर रात को शराब पी कर आना और जब मन चाहे उसके साथ जबरदस्ती करना। 

सुबह नायरा को स्कूल भेज कर सेजल थोड़ी देर लेट गयी। साहिल ने कहा "कल तुम इतने नखरे क्यों दिखा रही थी"? सेजल ने कहा "मुझे तो तुम्हारी इच्छा अनुसार हमेशा तैयार रहना चाहिए, नहीं तो तुम जबरदस्ती कर के अपनी मन मर्ज़ी कर लेते हो, पर मेरे मन का क्या? पिछले हफ्ते जब मैं इतने मन से तुम्हारे पास आयी थी तो तुमने एक मिनट नहीं लगाया था यह कहने में "अभी नहीं, आज में बहुत थक गया हूँ"| साहिल ने कहा "तुम्हे इतना नहीं पता सम्बन्ध बनाने से आदमी की थकान मिटती है"| सेजल ने कहा "तुम्हारी तो थकान मिट गयी और मेरी भावनाओं को जो तुमने ठेस पहुँचाई है, उसका क्या? मेरी थकान का क्या? सुबह 5:00 बजे से रात के 11:00 बजे तक मशीन की तरह काम करती हूँ। उसके बाद रात को मेरी नींद पर भी तुम्हारा हक़ होता है। 

साहिल कुछ भी समझने को तैयार नहीं था। वो बस सेज़ल से बहस करता रहा। उसने कहा "मुझे अब दूसरा बच्चा चाहिए, वो भी लड़का। अब तो सेजल को और भी गुस्सा आ गया वो बोली "दूसरा बच्चा, वो भी लड़का। क्या वो लड़का पैदा होते ही कमाने लग जायेगा। एक बच्चा तो पल नहीं रहा। दूसरे बच्चे के खर्चे कहाँ से उठाएँगे? तुम बार-बार अपना काम बदलते रहते हो। इसलिए मैंने पार्लर खोला ताकि घर के खर्चे चल सकें। तुम तो अपना सारा पैसा बार-बार काम बदलने में और शराब में उड़ा देते हो। अभी से ही नायरा के स्कूल के कितने खर्चे हैं, तुम्हें क्या पता? आज तक एक पैसा भी दिया हो तो पता होगा न। तुम इस समय दूसरे बच्चे का कैसे सोच सकते हो? अब तो साहिल की मर्दानगी को चोट लगी थी। उसने सेजल के दो थप्पड़ लगा दिए और बोला "अब मैं सम्भोग भी तेरी इच्छा अनुसार करूँगा। बच्चा भी तेरी इज़ाज़त लेकर करूँगा। वैसे ही लड़की पैदा कर के मेरी नाक कटवा दी। अभी निकल मेरे घर से"| सेजल की भी सहनशक्ति जवाब दे चुकी थी। वह बोली "तुहारा घर ? इस घर की इन्सटॉलमेंट तक तो में देती हूँ और यह घर मेरे नाम से है। तुम निकलो अभी इस घर से। 

यह सुन कर साहिल ने सेजल की तरफ गिलास फेंक कर मारा। सेजल अपने को बचाती हुई कमरे में घुस गयी, कमरे की कुण्डी लगाई और पुलिस को फोन मिलाया। उसने साहिल की कंप्लेंट लिखवाई सेजल आज पूरी तरह टूट गयी थी। जिस साहिल के प्यार में पागल हो कर उसने उससे भाग कर शादी की आज वह उसके साथ हैवानों की तरह पेश आ रहा था और ऐसा अब हर दूसरे दिन होने लगा था। वह अंदर रोये जा रही थी, तभी बाहर पुलिस आ चुकी थी। वह कमरा खोल कर ड्राइंग रूम में आई और पुलिस को सारी बात बतायी। पुलिस ने साहिल को अरेस्ट कर लिया। जब पुलिस साहिल को ले गयी तो सेजल के मन में रह-रह कर आत्महत्या करने की बात आ रही थी। तभी नायरा स्कूल से आ गई। सेजल रोते-रोते सोच रही थी 

जी भर के तुझे खिला भी न पायी 

दुनिया भर का दुलार तेरे ऊपर लुटा भी न पायी

 

न जाने किसके सहारे चली थी तुझे छोड़कर 

अब, कभी न जाउंगी कहीं, तुझसे मुँह मोड़कर 


सोचती-सोचती वह नायरा को बहुत देर तक चूमती रही।


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