ओछी मानसिकता
ओछी मानसिकता


स्कूल से आते ही दसवीं में पढ़ रही परी ने अपनी मम्मी सान्या से पूछा "मम्मी कल स्कूल में मीटिंग है, आप चलोगी न"।
सान्या ने थोड़ा सकुचाते हुए कहा "बेटा अपने पापा को ले जाना, मुझे वहां बहुत असहज महसूस होता है । सब इतनी फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहे होते हैं, जब में हिंदी में बोलती हूँ तो मुझे लगता है, सब मुझे नीची निगाह से देख कर मेरा मज़ाक बना रहे है"।
परी सान्या को समझाती हुई बोली "इसमें कमी उन लोगों की है, जो किसी का हुनर भाषा से आंकते हैं । भाषा सिर्फ अपनी बात समझाने का ज़रिया है । आप अपनी बात पूरे विश्वास से करना । आप को हमारी मातृभाषा हिंदी के लिए चलना होगा, जो चंद लोगो की ओछी मानसिकता की वजह से अपना सम्मान खोती जा रही है"।