Abasaheb Mhaske

Tragedy Action Inspirational

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Abasaheb Mhaske

Tragedy Action Inspirational

मुझे साफ साफ दिखती हैं जन्नत

मुझे साफ साफ दिखती हैं जन्नत

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कवि हूँ मैं, तुम्हारी ही

धुंधली सी छवि हूँ मैं

जैसा दिखा वैसा लिखा

 हूँ वास्तवदर्शी आईना


कवि हूँ मैं, आनेवाली

अगली कड़ी हूँ मैं

जो भी अच्छा लगे बुरा लगे

भला लगे या, लगे बड़ा प्यारा


कवि हूँ मैं जलनेवाली

तपती कढ़ाई हूँ मैं

सच की लड़ाई , झूठ का पर्दापाश

ढेर सारा प्यार कभी उपहास हूँ मैं


कवि हूँ मैं दुःख का दरिया हूँ

प्यार दुलार का समंदर हूँ बेशक

राजसत्ता का नहीं हूँ केवल प्रशंसक

तानाशाही को जड़ से उखाडने का हुनर भी हूँ


कवि हूँ मैं प्यारी सी छवि हूँ मैं

सुंदरता का दूसरा रूप दिखाता

ऊँचे - ऊँचे परबत, खेत खलियान

झील झरने किनारे नाचनेवाला मयूर


कवि हूँ मैं हर दिल की धड़कन

अजबसी तड़पन, बेरुखी भी हूँ

नन्हे से बालक की किलकारियां

ईथर उधर बिखरी पड़ी हूँ खुशी


कवि हूँ मैं, अजब सी छवि हूँ

मुझमें हैं वो सब राज दफ़्न आज भी

मुझे साफ साफ दिखती हैं जन्नत

धुंधली सी और आज का जहन्नुम भी।


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