कितने बेफीर हो भैय्या
कितने बेफीर हो भैय्या
नाम क्या है कितने बेफीर हो भैय्या मेरा क्या है जी, फकीर हूँ उठाउंगा झोलापतली गली से निकल जाऊंगा कौन हो तुम कहां से आये हो भैय्या कश्मीर कन्याकुमारी या झुमरी तलैय्या
करते क्या हो इकट्ठा करता हूँ चवन्नी अठन्नी रुपैय्या रिश्ते कैसे निभाते हो भैय्या मेरा क्या उठाऊँगा झोलाए नौ दो ग्यारह फकीर हो तो बेफीकर भी होंगे अरे यार कैसी बात करते हो।
जिसका खाया नमक अहसान भी तो उतारना होगा इतनी से एनर्जी कहां आती है भैय्या मसरुम की रोटी लाखों का पेन एैसी फकीरी सबको मिले चलानी भी पड़ती तो है नफरत की दुकान ऐसी फकीरी सबको मिले उठावो झोला इसके पहले
जो बोलते हो करते नही जो करते वो बोलते नही खुद की तारीफ करवाते हो ए उल्लु बनाते निकल जाते हा कहां से आये हो भैय्या कब तक खून चुसोगे यूं ही कुछ खरीदा कुछ बेचा फिर भी ईमानदारी का डंका अंध: भक्तों की बनाकर टोली खेल रहे हो खून की होली विश्वगुरु की चक्कर में लग गई लंका देखते देखते।
