जब दिल हे नहीं सीने में
जब दिल हे नहीं सीने में
जब दिल हे नहीं सीने में
क्या फर्क पड़ता हैं भाई
कोई जिये या मरे
हम तो जियेंगे मनमर्जी
घर बीवी ना बाल बच्चे
नहीं चाहिए दोस्त सच्चे
चाटुकारो घेरा बनावो
सोचते क्या हो ताली बजावो
क्या करना हैं भाई घर- बार
रोजी- रोटी और मकान
पढाई लिखाई और दवाई
उठावो झोला और निकल लो
जिंदगी हैं बस दो पल की
भाड़ में जाये दुनिया सारी
बस दोस्त बचावो, बस
सुनो मेरी दिल की बात
इतना डरोगे तो क्या खाक जिवोगे
अब ऐश नहीं करोगे तो कब करोगे
एक दिन बेमौत मरोगे यार यूँही
तब तक क्यों न फकीरी दिखाये ?
कोई नहीं किसी का इतना जान लो
बात मेरी मांन लो आँख मूंदकर
मैं कहूं तो भोंको, मैं कहूं तो काँटों
देखो देखो वो सपनो की दुनिया
नहीं दिखती कमबख़्तो, देशद्रोहियो
आन्दोलनजीवीवो दफा हो जावो
मेरी नजरो से, इस देश में रहना हैं
तो आ गए अच्छे दिन कहना होगा
क्या बात करते हो यार
नहीं हुवा विकास ?
जा के देख लो वो
सपनो के शहर में
इतनी खुशहाली आई है की
न कोई भूखा सोता हैं ना रोता हैं
बस हरवक्त गाता रहता हैं
धन्यवाद चॅनलोंपर पोस्टरोंपर
जय हो अंधभक्तो की
जय हो जनता की जय हो
उन सब की जो कीड़े मकोड़े
की तरह जीते हैं, लाश बनकर।