मोदी जी भुनाएंगे
मोदी जी भुनाएंगे
चंद्रयान की सफलता को मोदी जी निश्चित ही 2024 के चुनाव में भुनाएंगे, यह विचार जिन सत्ता लोभियों को सता रहा है और जिन का मन, चंद्रयान के चन्द्रमा पर सफल लैंडिंग से अपने बाल नोच लेने और कपड़े फाड् लेने का कर रहा है, वे मेरे दृष्टि में भारत के सच्चे नागरिक ही नहीं है। वे अपने निजी स्वार्थ में, अंधे होकर यह भी नहीं देख पा रहे हैं कि मोदी जी चंद्रयान मिशन सहित भारत की विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र की, सभी उपलब्धियों को भारत से अधिक विदेश में भुना रहे हैं।
इससे ही पिछले नौ वर्षों में भारत की क्षमता, उसके नागरिकों (बच्चे, युवा एवं बूढ़े सहित नारी भी) की योग्यता का लोहा विश्व के सभी देश मान रहे हैं। भारत की अपनी प्रतिभाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने एवं उनकी उपलब्धियों के प्रचार एवं प्रसार की, मोदी जी नेतृत्व वाली, इस सरकार की विदेश नीति से ही, आज भारत के लिए विकसित राष्ट्र हो पाने के द्वार खुले हैं। मोदी जी की दूरदर्शिता एवं राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण की भावना से ही आज भारत, विश्व की पाँचवे नम्बर की आर्थिक शक्ति बना है। मोदी जी के कारण ही भारत अंतरिक्ष कार्यक्रम में उन्नति करते हुए, विश्व का ऐसा पहला देश बना है जो चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को उतार पाने में सफल हो सका है।
मेरे स्मरण में 2019 का वह दृश्य अभी भी ताजा है, जब चन्द्रमा के साउथ पोल पर उतरने का प्रयास कर रहा, हमारा विक्रम लैंडर चन्द्रमा से सिर्फ दो किमी पहले क्रैश हो गया था। मोदी जी इस अवसर पर इसरो में उपस्थित थे। उस समय तत्कालीन इसरो चीफ कैलासावडिवू सिवान, विक्रम लैंडर को उतारने में मिली विफलता से, अत्यंत व्यथित हुए और रो रहे थे। तब मोदी जी ने उन्हें गले लगाकर, उनका सिर, डेढ़-दो मिनट तक अपने कंधे पर रख लिया था। निरंतर मोदी जी, सिवान जी की पीठ पर थपकी और सहला रहे थे, उन्हें ढाढ़स दे रहे थे कि आज की असफलता, कल की सफलता की बुनियाद बनेगी।
मोदी जी ने यह करते हुए, इसरो के वैज्ञानिकों को ही नहीं, अपितु देश की सभी क्षेत्र की प्रतिभाओं को दृढ संकल्प से आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया था। इसी का परिणाम है कि चार वर्ष से कम समय में ही, कुछ संशोधन एवं
शुद्ध भारतीयों की तकनीकी क्षमताओं का प्रयोग करके हमारा चंद्रयान, पुनः लॉन्च किया जा सका और कल 23 अगस्त 2023 के दिन को ऐतिहासिक बनाते हुए, चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारतीय तिरंगा ध्वज फहराने में सफल हो पाया।
अभी अपने बाल नोंच रहे कपड़े फाड़ने वाले लोग, इस लेखक को भक्त बताएंगे मगर लेखक को इससे कोई अंतर नहीं पड़ने वाला है। लेखक जानता है कि मोदी जी ने न केवल भारत के तिरंगे को, चन्द्रमा और विश्व में फहराया है, बल्कि उनके नेतृत्व में देश और समाज के दैनिक जीवन में आमूल चल परिवर्तन आया है।
आज देश के हर घर में दाल-रोटी, गैस के चूल्हे पर बन रही है। भारत का लगभग हर व्यक्ति मोबाइल फोन उपयोग कर रहा है। पूरा भारत विभिन्न प्रकार के लेन-देन कैशलेस ट्रांज़ैक्शन के माध्यम से कर रहा है। भारत के हर गरीब का भी अपना बैंक खाता है। कोविड जैसी महामारी में भारत निर्मित वैक्सीन, भारतीयों ने निःशुल्क और कम दामों में पाई है।
जब कोविड तथा रशिया-यूक्रेन के युद्ध में, विश्व के विकसित और उन्नत देश भी अपने नागरिकों को महँगाई से नहीं बचा पाए, तब भारत के नागरिकों ने तुलनात्मक कम महँगाई में जीवन यापन किया है।
नौ वर्षों की भारत और भारतीयों की उपलब्धियाँ अनेकों हैं, सभी लेखक यहाँ नहीं लिख रहा है। इतना लिखकर लेखक उन लोगों को जो मोदी जी का प्रधानमंत्री होना सहन नहीं कर पा रहे हैं, को अवसर दे रहा है कि इस आलेख पर टिप्पणी करते हुए, पिछले नौ वर्षों की कमियों का उल्लेख करें। मेरा उनको अग्रिम उत्तर यह है कि मोदी जी की अगले कार्यकाल में वह कमियाँ भी दूर होंगी।
भारत को स्वतंत्रता तो 76 वर्ष पूर्व मिली थी, मगर भारत की वास्तविक स्वतंत्रता का अर्थ एवं आत्म निर्भरता की अवधारणा को, मोदी जी के राष्ट्र के समर्पित नेतृत्व ने साकार रूप देना आरंभ किया है। आशा है कल की सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा भारत, आने वाले कल में पुनः सोने की चिड़िया कहलाया जाएगा।
एक अवतार पुरुष कैसा होता है, यह लेखक ने पढ़ा है, मगर मोदी जी के विचारों एवं कार्यों को देख समझ कर, उसे यह लगता है अवतार पुरुष मोदी जी जैसा ही होता है।