मकर सक्रांति पर दान
मकर सक्रांति पर दान
14 जनवरी को हम मकर सक्रांति के त्यौहार के रूप में मनाते हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और लोग उस दिन दान देना उचित समझते हैं हर कोई कुछ ना कुछ अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं। गरीब को भोजन कराना और गर्म वस्त्र दान देना पुण्य माना जाता है। इस अवसर पर आज बीएस गुप्ता के घर भी कार्यक्रम रखा गया है।
बीएस गुप्ता उस मोहल्ले का जाना पहचाना नाम है। बीएस गुप्ता समाज कल्याण विभाग में उच्च पद पर कार्यरत हैं। वह किसी का भी कार्य बिना रिश्वत के नहीं करता है। वह रिश्वत को देवी के समान मानता है।
रिश्वत को वह नदी का बहता नीर कहता है, आजकल हर कार्यालय में रिश्वत का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है तो गुप्ता जी के लिए यह आम सी बात है।
दूसरे तक उसकी पत्नी प्रमिला अपनी शान शौकत में कोई कमी नहीं रहने देती है। प्रमिला भी अपने पति की इनकम को लेकर अपने साथ वालियों में खूब इतराती है । नई नई साड़ियां लाना ,जेवर पहनना उसके लिए आम था।
अबकी बार मकर सक्रांति पर गरीबों को खाने का और गर्म कपड़े दान करने का प्रमिला ने भी प्लान बनाया क्योंकि मकर सक्रांति पर दान करना पुण्य माना जाता है, यह बात गुप्ता जी को प्रमिला ने बताई।
गुप्ता जी ने हामी भर ली।
सुबह जल्दी घर में खाना बनाया गया प्रमिला नहा धोकर नई साड़ी पहनी और गहनों से लदी हुई थी, यह सब उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे।
नियत समय पर लोग आ गए। सभी को प्रमिला ने बड़े चाव से भोजन कराया सभी को गर्म कपड़े भेंट किए। सभी लोगों ने उनको शुभाशीष दी। सभी को घर से विदा कर गुप्ता जी भी ऑफिस के लिए रवाना हो गए। आज मोहल्ले में गुप्ता जी के कार्यक्रम को लेकर खूब चर्चा थी।
गुप्ता जी के पास रामू की एक फाइल अटकी हुई थी अटकने का मुख्य कारण तो आप जानते ही होंगे गुप्ता जी बिना रिश्वत के काम करते नहीं हैं उधर रामू एक गरीब किसान है जिसके पांच बेटियां हैं दो बेटियों की शादी की सहायता राशि के लिए फाइल लगाई थी। वह रिश्वत देने में अपनी असमर्थता दिखा रहा था और गुप्ता जी इस बात पर अड़े हुए थे। गुप्ता जी तो रिश्वत का परम पुजारी था ,वह बिना रिश्वत के तो बात भी नहीं करता, काम तो दूर की बात। रामू कभी उसके पैर पकड़ रहा था कभी हाथ परंतु गुप्ता जी टस से मस नहीं हो रहे थे।
रामू सोच रहा था अगर यह सहायता मिल जाएगी तो मैं साहूकार का कर्जा उतार दूंगा परंतु ऑफिस में आकर देखा तो शायद उम्मीद ही छोड़ दी थी रामू ने 5000 देने के लिए हामी भर ली परंतु गुप्ता जी 10% पकड़े गए थे। रामू की आंखों में आंसू छलक रहे थे वह अपनी फाइल को लेकर ऑफिस से चल दिए । मैं यह सब कुछ देख रहा था कि जिसने आज गरीबों को घर पर भोजन करा कर मोहल्ले में दिखावा किया शायद आज इसका यह काम बिना रिश्वत के कर देता तो यह उससे पुण्य से बड़ा होता। यह सब देख कर मैं बड़ा परेशान था जो समाज में दिखावे के लिए धर्म पुण्य की बात करता है वह है किसी गरीब को भी नहीं छोड़ता है।
परंतु कहते हैं गरीब की हाय बहुत बुरी होती है ।1 दिन सुबह अखबार में मुख्य पृष्ठ पर खबर छपी थी बीएस गुप्ता रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। आज भी गुप्ता जी मोहल्ले में चर्चा का विषय बना हुआ था।