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Classics

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बांझ का दर्द

बांझ का दर्द

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कम्मो यह नाम सारे मोहल्ले में आम था मोहल्ले वालों के मुंह पर कम्मो नाम रखा ही रहता था.कम्मो यानी कमला.

कमला हंसमुख और चंचल स्वभाव की महिला है .दूसरों के सहयोग करने वाली महिला हैै .उसकीआवाज हर गली में गूंजती है.हर घर की महिला जब तक कम्मो से बात नहीं कर लेती तब तक उनको चैन नहीं मिलता. कम्मोो मोहल्ले के हर किसी से मिलनसार है वह सुख दुख में उनका हाथ बटाती है. कमला के दो बेटे हैंं. बड़े बेटे की शादी 3 साल पहले हो गई थी उसके एक बेटा है जिसे कम्मो पूरे दिन मोहल्ले के हर घर में लिए घूमती हैै.कमला के घर में पूरे दिन खुशियों की किलकारी गूंजती है .

 कम्मो के छोटे बेटे की शादी है कम हो आजकल घर के काम में व्यस्तत है कभी बाजार से सामान खरीद कर लाती है तो कभीीीी घर की साफ सफाई मे इसलिए आजकल मोहल्ले में उसका शोर-शराबा कम ही रहता है.

  छोटे बेटे का बड़े धूमधाम से ब्याह रचाया गया.

 घर में खूबसूरत और गुणवान बहू आई. कम्मो उसकी प्रशंसाा पूरे मोहल्ले में करती हुई नहीं थकती थी.

 कम्मो के घर में खुशियों का खजाना था हर कोई उसके परिवाार की प्रशंसा करते हुए नहींं थकता था. धीरे-धीरे समय बीतता गया लगभग 3 साल हो गए कम्ममो के छोटे बेटेेे के कोई संतान नही हुई. अब कम हो परेशान रहनेेेेे लगीी. हर कोई उसके छोटी बहू के बाारे में पूछतेेेेे वह क्या जवाब देती ?

  अब कम्मो छोटी बहू पर कई बार गुस्सा करने लगी थी.पर इससे होता क्या? यह सब तो भगवान की मर्जी है.ऐसा सोचकर गुस्सा टाल देती थी .

  अब छोटी बहू भी परेशान रहने लगी थी. वह अकेली अंदर हीीी अंदर घुटती रहती थी जब घर में इस तरह कीी बातें होती थी तो वह रोने लग जाती थी. अब उसेे घर में सभी ताने देने लगे थे.

 पर छोटी बहू क्या कर सकती थी? 

 कम्मो के द्वारा भीी पूरे जतन किए गए हर मंदिरोंं में जाकर उसने मन्नत मांगी परंतु सभी विफल रहीी.जिस घर में खुशियों की किलकारिया उठतीी थीआज उस घर में मायूसी छाई हुुई हैै. कम्मो का छोटा लड़का पास , के शहर में नौकरी करता था. जब भी मैं छुट्टी आता तोपरिवार कायह दुख देखकर बड़ा दुखी होता था .

वह अपनी पत्नी का दर्द अच्छे से जान रहा था पर वह करे तो क्या करें ? उसने निश्चय कर लिया कि वह अपनी पत्नी को अपने साथ लेकर शहर जाएगा. वह अपनी पत्नीीी को

 साथ ले गया.

 जब वह ड्यूटी पर चला जाता था तो वह अकेली इसीी बात को लेकर बहुत परेशान रहती थी और अंदर ही अंदर रोने लगती थी.

 ससुराल में उसे हर तरीका का सुख मिला परंतु एक महिला का सबसे बड़ा दुख बांझपन होता, जो उसे देखने को मिला.

 यह बात उसने अपने दोस्त को बताई और उसने बताया कि आप किसी डॉक्टटर की सलाह ले सकते हैं जिससे आपको संतान का सुख मिल सकता है क्योंकि हमारेेेे शरीर में बहुत सारी कमजोरियां होती हैं जिन का इलाज संभव है.

 अगले दिन दोनोंं तैयार होकर डॉक्टर के 5 गए और डॉक्टर से अपनी समस्या बताएं डॉक्टर नेेेे कुछ टेस्ट कराए. और उनको कहा की चिंता की कोई बात नहीं हैैैै आप को संतान सुख मिल जाएगा इसके लिए हमे आईवीएफ प्रणाली का प्रयोग करना पड़ेगा.

 इस पर निवेश ने अपनी सहमति दी ठीक समय बाद निवेेश को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई .जब यह बात घर पहुंची तो घर खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.कम्मो ने पूरे मोहल्ले में खूब मिठाई बाटी और खुशियां मनाई. जो कभी ताना देती थी उनके सर घड़ों पानी गिर गया.हर किसी की आंखों में खुशी के आंसू थे जो कलंक निवेश कीीी पत्नी, ने कई साल सहा उसका आज उसे सुख मिल गया .

 यह कहानी उन महिलाओं की है जो ऐसी समस्यााओं से जूझती है और किसी डॉक्टर की सलाह ना लेकर देवी देवता में विश्वास करती है. हमें नियत समय पर डॉक्टर से सलाह लेनीी चाहिए क्योंकििि हमारे शरीर में बहुत सारी बीमारियां होती है जिनका निराकरण डॉक्टर की सलाह से संभव है।


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