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Classics

4.4  

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लव लेटर

लव लेटर

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आज सोशल मीडिया का युग है। हम अपने संदेश आसानी से घर बैठे एक दूसरे को भेज सकते हैं । एक वह जमाना था जब पत्र लिखे जाते थे और कई दिनों मैं एक दूसरे के पास समाचार पहुंचते थे। 

 उस दौर में प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को प्रेम पत्र देते थे और अपना प्रेम का इजहार करने के लिए यह एक मुश्किल दौर होता था। पहले आंखों के इशारों से प्रेम का इजहार करना और उसके बाद दिल के एहसासों को एक पन्ने पर लिखना मानो कि उस पन्ने पर दिल ही निकाल कर रख दिया हो। 

 मैं 12वीं कक्षा में था तब रिया और मेरे बीच प्रेम संबंध बन गए। मै रिया के ख्यालों में रहने लगा मेरे को लगता था कि रिया के बिना मेरा जीवन अधूरा है.सोते जागते, जब भी अकेला होता तो बस मेरी आंखों के सामने रिया ही प्रतीत होती थी। 

 मैंने निश्चय किया कि मीडिया को जरूर प्यार का इजहार कर दुंगा। यह बात मैं हर बार सोच लेता हूं परंतु जैसे ही वह मेरे सामने आती है मेरे शरीर में कपकपी और माथे पर स्वेद बूंदे ऐसी लगती है जैसे माथे पर मोती पिरो दिए हो। 

 यह क्षण मेरे लिए बहुत कठिन समय होता था और मैं उन से आंख मिलाकर आगे चला जाता था। उधर रिया भी शायद कुछ मेरे से कहना चाहती थी पर वह कैसे कहे उसकी आंखों में मैं आंख डालता था और मानो उसकी आंखों में एक चमक आ जाती थी उसको भी उम्मीद थी कि मेरे से ऐसा मुझको लगता था। 

 रिया मानव मेरे रोम रोम में बस चुकी थी। हर पलकों में तन्हाई में जीता था। मैं यह बात किसी और को बताने में शर्म महसूस करता था। मैं नहीं चाहता था कि यह बात किसी और को पता लगे पर कहते हैं कि प्यार छुपाए नहीं सकता है। 

 मैंने यह बात अपने करीबी मित्र को बताई पहले तो वह मेरी बात को हंसा और उसको ऐसा लगा कि मानो जैसे मैं कोई मजाक कर रहा हूं परंतु वही मेरे दर्द को नहीं जान सका। 

 मैंने उसको अपने दिल का दर्द बताया तो शायद मेरी जान गया कि मैं इस प्रेम रोग में फस गया हूं। 

 उसने मुझसे कहा यदि आप कह नहीं सकते हो तो आप एक लव लेटर लिखकर उसके थमा दो यह बात मेरे समझ में आ गई। 

 मैंने उस रात एकांत में जाकर लव लेटर लिखा हाथ का पापा रहे थे आप सैटरडे बड़े बन रहे थे पर हर्षद प्रेम की वेदना दे रहे थे। हेलो लेटर लिखा है एक किताब के बीच में फंसा दिया सारी रात बस इस इंतजार में निकल गई कि सुबह कब होगी। 

 सुबह हुई मैं जल्दी तैयार होकर स्कूल पहुंच गया । लेटर को मैंने पेंट की जेब में जमा रखा था मानो कि मैंने दिल को सझोंकर रखा हो। 

 जैसे रिया आई मेरी, आंखें रिया की आंखों से मिली। मेरी संवेदनाएं बढ़ गई। मैंने , रिया की तरफ कदम बढ़ाया और जो लव लेटर लिखा था । उसको थमा दिया और बस इंतजार था उसके जवाब का। 


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