मक्खनलाल और चमनलाल
मक्खनलाल और चमनलाल
मक्खनलाल और चमनलाल
मक्खन-चमनलाल का साथ हैं पुराना,
सदीयोंसे चलता आ रहा हैं इनका याराना.
जब मक्खनलाल होता हैं षडयंत्र में विफल,
चमनलाल करता नई पहल बनकर अनजाना.
दोनों मिलकर बनाते-बिगाडते हैं सियासी खेल,
निजि लाभ के लिए रचते हैं नयें-नयें अनजाने खेल.
प्रशासन और पार्टी राजनीति में देते अकसर दखल,
वे निभाते हैं अहम भूमिकायें लाकर संकटकाल.
कभी मक्खन ,तो कभी चमन बनता हैं बहुरुपी
उन में होती हैं सभी नटवरलाल की खुबी.
प्रशासन और नेताओं के बिच बढाते वे दुरी,
जाल फेककर सिर्फ करते हैं मुनाफाखोरी.
जनता, नेता और प्रशासन करता सामना संकटका.
तब अपने लाभका रखते वे खयाल कमालका,
भूल जाते किया वादा चोलि -दामनका,
जब सवाल हो नेता के आन-बान-शानका।
