Arun Gode

Inspirational

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Arun Gode

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शौक बना व्यवसाय

शौक बना व्यवसाय

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एक नवजवान का सोनार समुदाय परिवार में जन्म हुआ था । उसे एक बड़े बहन थी। उसकी शादी एक संपन्न सोनार परिवार में हुई थी। उस नवजवान को संयोगवश उसके बहन के ससुराल में, राष्ट्रीय कृत बैंक में कारकुन की जॉब मिली थी। इधर लड़के क्या भाग्य खुला था । लेकिन, उसी व्यक्त उसके माता-पिता का, किसी बीमारी से आगे-पीछे मौत हो चुकी थी। अब उसकी बड़ी बहन ही सहारा थी। उसने अपने भाई को अपने ही घर में रखा था। उसकी शादी होने के बाद ,उसके बहन ने , उसे अपने घर के पास, उसका एक मकान था । उसे में रखा था। जीजा की धंधे में कमाई देखकर, उसकी भी नीयत बिगड़ चुकी थी । वह बैंक में रोकड़िया के पद पर कार्य कर रहा था। पुराने केशियरोने अपनी अच्छी साख बनाई थी। उसके कारण , शहर के बड़े -बड़े व्यवसायी विश्वास पर रोकड़ा जमा करने और अन्य व्यवहारों के लिए, उसके पास भी अन्य केशियोरों की तरह रख जाते थे। लेकिन वह कुछ घाल -मेल करके, अकसर पैसा कम होने का दावा करता था। इसकी शिकायत बैंक मैनेजर को बार-बार की गई थी। जिसके कारण बैंक की साख गिर रही थी। उसे बचाने के लिए, उसका तबादला एक बड़े शहर में कर दिया गया था। उसे, पैसे के लेन -देन के जगह छोड़ के, अन्य जगह कार्य दिया गया था। 

      जब शेर के मुंह को, एक बार मनुष्य के खून का स्वाद लग जाता हैं । तो वह अकसर मनुष्य का शिकार करता हैं । उसने फिर पैसा कमाने का एक नया तरीका ढूंढ लिया था। उसने एक टैकसी खरीदी थी। वह, उस में अपने दोस्तों के लेकर पर्यटन पर जाया करता था। उसे, उसमें कुछ आमदनी हो जाती थी। उनके साथ उसका घूमना भी हो जाता था। इस तरह उसका घूमने का शौक पूरा होता था। याने आम के आम और गुठलीयों के दामवाला उसका शौक था। इस बहाने, वह बैक से मिलने वाली सुविधा का उपयोग करके अतिरिक्त कमाई करता था। ऐसे ही एक यात्रा में, उसके टैकसी का अपघात हो गया था। उसमें , उसके साथ अन्य को भी चोटें आई थी। उसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भरती किया गया था। वहाँ उसका इलाज काफी लंबा चला था। उसकी उपचारिका बहुत सुंदर थी। वह उसे दिल दे बैठा था। उसने उसे बताया था कि वह अविवाहित था। वह अच्छे नौकरी में और रूपवान होने के कारण उसके जाल में फंस गई थी। उसने, अपने पहिले पत्नी को, अपने माया-जाल में फसाकर, धोके से दूसरे शादी के लिए, दूसरे विवाह के सहमती पत्र पर हस्ताक्षर प्राप्त  कर लिए थे। उस कारण, उसकी कानून दूसरी शादी करने का मार्ग प्रशस्त हो चुका था। उन दोनों की अभी शादी हो चुकी थी। वह दोनों पत्नियों को बारी -बारी से गुमराह कर रहा था। उन्हें कहता था। शहर के आजू -बाजू के बैंकों में, कर्मचारियों की कमी होने के कारण, उसे उन बैंकों में जाना पड़ता हैं। इस तरह, वह कुछ दिन, बारी -बारी से दोनों पत्नियों के साथ रहता था। उसकी जिंदगी आराम से कट रही थी। लेकिन ,उसके  दूसरे पत्नी को भी बच्चा ठहर गया था। वह उसे गर्भ पात करने के लिए दबाव बना रहा था। लेकिन उसकी दूसरी पत्नी, उस बात के लिए राजी नहीं हुई थी। उसने एक लड़की को जन्म दिया था। उसे पहिले ही ,पहली पत्नी से दो लड़के थे। लेकिन वह, वो राज बहुत दिन छुपा नहीं सका था। अभी उसकी हालत धोबी के कुत्ते जैसी हो चुकी थी। उन पत्नियों ने , आपस में बड़ा दिल करके ,आपसी  समझौता कर लिया था। लेकिन, उस घर में उसकी किसी भी पत्नी के पास इज्जत नहीं बची थी। वह सिर्फ एक कमाऊ बैल बन चुका था। 

       अभी अपने मन की शांति के लिए, उसने अपना पुराना शौक जारी रखा था। वह अपने साथ , किसी ट्रैवल एजेंट मित्रों के मदद से, कुछ परिवारों को अकसर घुमाने ले जाता था। अभी उसे, पर्यटन का अच्छा गाढ़ा अभ्यास और अनुभव हो चुका था। वह अभी कुछ ही दिनों बाद सेवानिवृत्त होनेवाला था। उसने एक ट्रैवल खरीदने का इरादा बना लिया था। सेवानिवृत्ती के बाद, उसे अच्छा पैसा मिला था। उसने, उस पैसे से ट्रैवल खरीदी थी। और वह पर्यटन का बड़े स्तर पर व्यवसाय करने लगा था। अभी उसके लड़के भी बड़े हो चुके थे। उन्होंने भी, उस व्यवसाय में अपनी जान झोंक दी थी । देखते -देखते उन्हें, उसमें सफलता मिलने लगी थी। अभी उनके व्यवसाय में चार -चाँद लग चुके थे। इस तरह अंत में ,वह एक अमीर आदमी बन चुका था। उसके एक शौक ने उसे, नौकरी पेशे वाले से, एक नामी व्यवसायी बना दिया था । 



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