Hardik Mahajan Hardik

Abstract

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Hardik Mahajan Hardik

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मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा

मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा

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ज़िन्दगी:- मेरी ज़िंदगी का पहला हिस्सा हो तुम इस दुनिया मे मेरी सबसे प्यारा किस्सा हो मैं और तुम हम दोनों मिलकर बढ़ेंगे आगे मन्ज़िल की औऱ अपने जीवन को साकार करेंगे।

मंज़िल की और खुलकर ज़मीं. पर रहकर अपनी जिंदगी को इस दुनिया मे देंगे इक नयीं पहचान हो।

हार्दिक:- निहित करेगा ये हार्दिक एक नए पड़ाव पर रख भरोसा तू अपने आप पर , होगी सफलता तेरे हाथों में जहाँ से होगी नयीं ज़िन्दगी की शुरुआत।

सम्पूर्ण :- जीवन के निहित रखिए अपने विचार हो प्रखर आलेख अपने जीवन मे तो होगा निर्भर।

कोशिश:/ "कोशिश" करते रहो अपने जीवन मे हो महत्वपूर्ण यह अपनी जिंदगी में सिद्धान्त रखों अपनी लेखनी का हो महत्वपूर्ण यह जीवन मे।

विकल्प:- फिर से होगा विकल्प इस दुनिया मे परखने का किसी के जीवन में हैं यह महत्वपूर्ण जीवन तो होगी मंज़िल कदमों पर।


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