फिर आभा अपने को रोक नहीं पायी। मन का सारा ग़ुबार आँसुओं के साथ बह निकला। फिर आभा अपने को रोक नहीं पायी। मन का सारा ग़ुबार आँसुओं के साथ बह निकला।
२५ साल पुराने अकबराबाद के बारे में......जैसे बस कल ही की बात हो सब....... २५ साल पुराने अकबराबाद के बारे में......जैसे बस कल ही की बात हो सब.......
इसके बाद कुछ सोचने को बचा नहीं है, इसके बाद कुछ सोचने को बचा नहीं है,
हम भौतिक रूप से भले दूर हो पर भावनात्मक रूप से आज भी करीब है। हम भौतिक रूप से भले दूर हो पर भावनात्मक रूप से आज भी करीब है।
यह महत्वपूर्ण जीवन तो होगी मंज़िल कदमों पर। यह महत्वपूर्ण जीवन तो होगी मंज़िल कदमों पर।