फादर्स डे
फादर्स डे
फादर्स डे क्या एक ही दिन आता है,पर ऐसा क्यो? मै आप सभी से कुछ बोलना चाहता हूँ,और कुछ पुछना भी मेरे लेख को सभी जरुर पढ़िएगा,,,
आज के कलयुग मे एक नया दौर आया है,,एक दिन पापा जी ,माँ,बहन,भाई,दोस्त सभी डे आते है,इस दिन मे सब अपने माता,पिता और भाई,बहन,दोस्त को बडी ही खुशी से मनाते है,
माता-पिता को आदर सम्मान और उनकी हर खुशी का ध्यान रखते है!
इस दिन माता और पिता को खुश करने के लिए उनके पसंद का खाना बनाते है, इस दिन उनकी छोटी सी छोटी बात का ध्यान रखा जाता है!
उन्हे गिफ्ट और केक आदि ला कर देते है सब बच्चे,,इस दिन माता-पिता के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते है,,क्या कोई बतायेगा कि माता -पिता का एक दिन ही क्यों बनाया गया है?
एक दिन उन्हे सारी खुशी दे कर अगले दिन उनका तिरस्कार क्यो?
फादर्स डे आज बडे धूमधाम सब मनाया जा रहा है,,
साथ मे उनके साथ फोटो खींच कर स्टेटस पर लगाया जा रहा है, फूल इंजॉय किया जा रहा है, हर कोई यही दिखा रहा है कि वो अपने माता-पिता की कितनी देखभाल करता है।
उसमे चाहे फिर सांस हो या ससुर या माता -पिता सब का बहुत ही आदर संस्कार किया जा रहा है।आज ऐसा लग रहा है कि हमारी भारतीय सभ्यता और संस्कृति सभी बच्चो मे हो।
परन्तु आज के डे के बाद भी क्या ऐसा होगा,
क्या बुढे माता- पिता और सांस- ससुर को ऐसे ही मान सम्मान मिलेगा,जो लोग एक दिन के लिए ऐसा कर सकता है ,तो रोज क्यो नही माता-पिता दिवस मनाने से अच्छा है कि आप इसे मनाओ ही ना,
अब ये सोच सबको मेरी अजीब लग रही होगी,पर एक दिन भी क्या माता-पिता को मान सम्मान और आदर करने के लिए आना जरूरी है, माँ और पिताजी का तो दिवस हर रोज होता है!
जब वो अपने बच्चे को हमेशा खुश देखते है,तो बेटे, बेटी और बहु हां... फिर एक दिन माँ और पिताजी का दिवस आने का इंतजार क्यो करते है,मेरा मानना है कि हर पल हर घड़ी और हर रोज माता और पिताजी का होता है!
मैं नही मानता इस दिवस को एक दिन प्यार जताओ और फिर दूसरे दिन उन्हे अपमानित करके घर से वृद्धाश्रम या घर मोहल्ले गलियों में धक्के मार कर निकाल दो...,,,,
अपमान के साथ -साथ उन्हे उल्टा सीधा अपशब्द बोल दो ये कहाँ की सभ्यता है, ये फादर्स और मदर्स डे दिवस मनाना बंद करो,इस एक दिन से कुछ नही होता है!
अगर दिवस मनाना है तो हर रोज मनाओ,अपने माता और पिताजी का आदर सम्मान करो उनकी सेवा करो, फर्ज निभाओ अपना फिर जिन्होने पैदा करके इतना बडा़ किया और उनके बच्चे एक दिवस आने का इंतजार करते है!
वो तो किसी दिवस का इंतजार नही करते और निस्वार्थ प्रेम, प्यार और हर पल हर घडी़ हर दिन आपके साथ हमेशा खडे रहते है,तो फिर लोग एक दिवस का क्यों इंतजार करते है!
क्यो नही दे सकते हर रोज अपने माता-पिता को समय ,क्यो नही करते उनका आदर सम्मान,अगर रोज ही माता-पिता दिवस मनाया जाये तो कभी कोई माता और पिताजी को अपमानित नही होना पडे़गा....,,,
ना ही किसी वृद्ध माता -पिता को अपने बच्चो को छोड कर कही जाना होगा। वो बुढ़े जरूर होते है पर फिर भी अपने बच्चो के लिए हमेशा तैयार रहते है!
इस बात को सभी समझ जाए कि माता-पिता का दिन रोज होता है,तो किसी को भी खून के आसूँ रोने की और वृद्धाश्रम नही जाना होगा....
लिखने को तो अभी बहुत है पास हमारे पर इतने मे ही समझ जाये तो आगे लिखने की फिर जरूरत नही.!
