jyoti pal

Abstract

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jyoti pal

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माँ

माँ

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माँ ने जन्म दिया रोया जो

मैं सीने से लगा शांत कराया

पहली बार चलना

बोलना चलना सीखाया था


सर्वप्रथम कोमल हाथों का

स्पर्श उसने ही कराया था

जब सर्वप्रथम मां ने खाना

अपने हाथों से खिलाया था


रोटी के साथ गलती से मैंने

उनकी उंगलियों को खाया था

फिर भी उन्होंने मुझे कभी नहीं डाँटा था


पढ़ा लिखा कर एडमिशन का

इंटरव्यू पास करवाया था

मेरी माँ ने ही एडमिशन

कराया था प्यार से पढ़या था


बना कर खाना सुबह सुबह

समय पर स्कूल पहुंचाया था

प्रथम कक्षा में मैंने माँ के

लिए बड़ा कोहराम मचाया था


पापा की डाट पिटाई से बचाया था

मैं कर सकूं पढ़ाई इसलिए हमेशा

घर का सारा काम खुद ही निपटाया है


जब जब मैं होती हूँ उदास माँ ने

उदासी का कारण बड़े प्यार से पता लगाया है

ठुकराया हैं सबने बस

माँ ने जन्म से लेकर आज तक

मुझे सीने से लगाया है

खड़े हो मेरे साथ हमेशा मुझे

नया रास्ता, नया हौसला बढ़ाया है


सबसे अलग हो माँ तुम तुमने

मुझे ज्ञान दे हर मुश्किलों से निकलवाया हैं

मेरे गुस्से नखरों को उठा

मेरी उपलब्धियों का बखान हर किसी को बताया हैं

और लड़कियों के लिए भी तुमने

ज्ञान की ज्योति को फैलाया है।


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