jyoti pal

Romance

2.6  

jyoti pal

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आई लव यू

आई लव यू

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चिंटू तेज़ी से कदम बढ़ाते हुए बस की तरफ बढ़ रहा था तभी एक गाड़ी ने हॉर्न बजाया चिंटू गाड़ी को देख साइड हो गया बस निकल गई चिंटू दूसरी बस के इन्तजार के लिए वहाँ खड़ा हो गया तभी दो लड़कियाँ बातें करते हुए स्टॉप पर आ गई। उनका पहनावा चिंटू को पसंद नहीं आया उनके बड़े गले वाले सूट जिसमें उनका बदन दिख रहा था उनपर से नज़र हटाने का भी मन नहीं कर रहा था सब स्टॉप पर उन्ही लड़कियों को देख रहे थे जैसे ही वह किसी को देखती तो नज़र घुमा लेते। कुछ लोग कमेंट करते जिन्हें वह इग्नोर कर देती।


तभी एक बस रुकी जिसमें सावली लड़की बस से उतरी जिसने ब्लैक पैंट और ज़ारा कंपनी की टी शर्ट पहनी थी

मैंने देखा यह तो मेरी क्लासमेट हैं जिसके प्रस्ताव को मैंने मोटी बोल कर ठुकराया ही नहीं था बल्कि दिल भी दुखाया था, मैंने उससे बात करनी चाही , हैलो रुचि!पहचाना मुझे?

हाँ, हम आरती मैम की क्लास में साथ पढ़ चुके हैं तुम कौन सी बस का इंतजार कर रहे हो ।"

रुचि में फिर दोबारा टूटने की हिम्मत नहीं थीं ना ही वो खुद को रोक भी नहीं पा रही थी,

तभी अचानक उसने कहा- "लो मेरी बस आ गई।"

"अरे मैं भी तो इसी बस में जाता हूँ रोज़"बस में टिकेट की भीड़ देखकर चिंटू ने कहा

"तुम रुको मैं लेकर आता हूँ" - "कहाँ की लू टिकट"

जवाब मिला - " पंद्रह रुपए की ले लो।"

वह दो पंद्रह की टिकट ले आता हैं

चिंटू - "नहीं दोस्ती में भी रुपए लूँगा नहीं इतना भी बुरा नहीं हूँ मैं,"

"नहीं हिसाब तो आखिर हिसाब होता हैं"

चिंटू - "अच्छा ठीक कल तुम रुपए दे देना खुश,अच्छा तुम्हारा नंबर क्या है?'

रुचि नंबर बताती हैं स्कूल की बातें शुरू हो जाती हैं।पर तुम्हें मैंने पहली बार देखा हैं

स्कूल में कितने मज़े करते थे हम।तुम्हारी लाइफ में क्या चल रहा है?"

"कॉलेज में पढ़ रही हूँ सेकेंड ईयर तुम क्या कर रहे हो?"

"आईटीआई में पढ़ रहा हूँ"

चिंटू - "क्या आज भी गुस्सा हो?"

रुचि-"नहीं, मैं तो पहले भी गुस्सा नहीं थी"

"तुम तो मोटे हो गए"

"हाँ , रेगुलर जिम नहीं जा पाता"

"तुम बताओ तुम कैसे पतली हो गई?"

"क्या मैं पतली हो गई मेरी मम्मी तो बोलती हैं बाहर का तला हुआ मत खाया कर, कितनी मोटी हो गई।"इसी तरह बातों में आखरी स्टॉप आ गया ।

कंटेक्टर ने आवाज़ लगाई बस खाली करो, बस एक एक कर बस खाली हो गई दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे जैसे आँखों से सारी बातें दिल बोल और सुन रहा हो तभी अचानक चिंटू ने रुचि का हाथ थाम कहा- "चलो! अच्छा बताओ यहाँ चले बहुत अच्छा पार्क हैं वैसे मैं कभी किसी के साथ गया नहीं यहाँ।"

रुचि ने मुस्कुरा कर कहा- "जैसा तुम ठीक समझो"

चिंटू ने पार्क में रुचि से माफी मांगी और कहा- "आई लव यू रुचि मैं भी बाद में तुमसे प्यार करने लगा था पर शुरू में मैंने ही तुम्हें समझने में गलती कर दी आई एम सॉरी। "

रुचि की आँखे छलक गई चिंटू ने तुरंत गले लगा लिया।और मानो वह पल ठहर गया हो।



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