साइकिल
साइकिल


अंशु आठ वर्ष का लड़का हैं जो भरी दोपहरी में कुल्फी का ठेला देख अपने पास से पांच रुपए निकलता है उस ठेले में केसिनो की तरह खेल की तरह खेल देखता उसके आस पास के दो दोस्त भी वही आ जाते हैं ।
एक लड़का- इसमें गेम भी हैं अगर कंचा दस नंबर पर रुका तो दस कुल्फी मिलेंगी।
अंशु -ठीक है तुम खेलों , वह लड़का खेलता है और कंचा चार नंबर पर रुका। तीनों ने कुल्फी खाई।
पहले लड़के की कुल्फी आधी गिर गई उसे उल्टी हुई,
दूसरे को बुखार , और अंशु सीधा अस्पताल उसके रुपए थे इसलिए दो कुल्फी वह भी बिना गिराए। सर्दी जुकाम और सीने से खर खर की आवाज़ आती हैं । धीरे धीरे वह बीमारी बढ़ती जाती हैं क्योंकि डॉक्टर सर्दी खासी जुकाम की दवाई देते हैं बीमारी बढ़ती हैं तो डॉक्टर भाप भी देते हैं ।
वह ठीक होने पर आइस क्रीम खाता है और कुल्फी से डरता है उस कुल्फी वाले को दोबारा देखा भी नहीं की कोई कुछ कहता उसे वह तो जा चुका था कई जानो को जोखिम में डालकर जब अंशु बड़ा होता हैं । और वह उसी जुकाम और फेफड़ों में कफ जमने की वजह से अस्थमा का मरीज बन जाता हैं। कई बार वह मरते मरते बचता हैं । कहते हैं दमा दम के साथ ही जाता हैं सालों परेशानी के बाद वह सोच चुका था। वह ठीक होकर ही रहेगा वह बिना पंप के ही आयुर्वेदिक उपचार से ठीक हो जाता हैं और प्रदूषण मुक्त वातावण बनाने की कोशिश करता है लोगों को समझता हैं वह असफल रहता हैं क्योंकि वह देखता है समाज में सभ्य लोग बहुत कम है और वह सोचता हैं कितना अच्छा होता साइकिल ही होती ना प्रदूषण ना पैट्रोल का खर्चा न मेरे जैसे लोगों की दिक्कतें बढ़ती।
वह भी हर जगह साइकिल का उपयोग करता हैं जिससे उसकी भागदौड़ भरी जिंदगी में एक्सरसाइज भी हो जाती हैं।वह एक ऐसी साइकिल का निर्माण करता है जो बैट्री से चलती हैं और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण बनती हैं जिससे हादसों में कमी आएगी और फेफड़ों को स्वच्छ रखेगी।
और सर्दी जुकाम एलर्जी से दूर रख प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा, हमें दवाइयों से दूर रखेगी आजकल भारत दूसरी बड़ी आबादी वाले देश में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुँच गया हैं। यहीं सोच कर वह रुकता नहीं और लोगों को सजग करता रहता हैं। और उसे उम्मीद हैं भविष्य में एक दिन सब साइकिल ही खरीदेंगे, इसलिए वह प्रदूषण मुक्त साइकिल पर और अधिक काम कर रहा हैं।