शराब
शराब


घर में अन्न का दाना नहीं हैं बच्चे भूखे हैं पर कुछ बोलते नहीं क्योंकि उनसे बोल दिया जाता हैं अभी पैसे नहीं हैं हालांकि घर के सभी सदस्य नौकरी करते हैं ,पर पीने वालों को परिवार से नहीं मतलब उन्हें शराब से होता हैं।
लॉकडाउन में हालत और बिगड़ गई। जब से नए किराएदार नए आए हैं मकान मालिक परेशान हैं । ना बिजली पानी का बिल ना ही तब से किराया नहीं दिया, रोजाना घर पर एक आदमी अपना पैसा लेने आता जाता रहता है। कर्जा बढ़ रहा है खाना खाने में शर्म भी आती है पर भूखे बच्चों की माँ दो दूध के डोल ले लॉकडाउन में बंट रहा खाना लेने रोजाना जाती है।
बात कल शाम की है फिर शराब की बोतलें घर में आयी हैं। यह देख मकान मालिक ने किराया मांगा तो महिला ने झिझकते हुए कहा-"लोगों ने हमसे कहा है किराया मांगे तो पुलिस में शिकायत कर देना।" महीने भर मकान मालिक ने कुछ नहीं कहा। फिर एक दिन मकान मालिक तेज़ आवाज़ में बोला- "लॉकडाउन खत्म होते ही दूसरी जगह देख लेना। हम भी समझते हैं पर एक महीने का भी किराया नहीं दिया तुमने। " महिला ने कहा- "घर में पैसे नहीं हैं अन्न का दाना भी नहीं हैं घर में कर्जा बढ़ रहा हैं वो भी देना है।घर में बूढ़े सास ससुर हैं। आदमी पीने में पैसे उड़ा देता हैं शराब के चक्कर में घर बिक गया कर्जा हो गया,मैं क्या करूँ।"
मकानमालिक-"हमें नहीं पता कही भी जाओ एक महीने बाद हमारा कमरा खाली कर देना बस!"
बात कल शाम की हैं फिर शराब की बोतलें घर में आयी हैं। जबकि घर में अन्न नहीं हैं और लॉकडाउन पूरी तरह खुला नहीं हैं।