STORYMIRROR

Rohit Verma

Abstract

2  

Rohit Verma

Abstract

कुदरत

कुदरत

1 min
3.0K

सुबह की चाय में बाल्कनी में बैठा सुबह के सात बज रह थे। हवा चल रही थी और चिड़िया अपनी अवाज में कुछ गुनगुना रही थी । हाथ में अख़बार लेकर वहीं अटपटी खबर और उसी वक्त बाल्कनी से अख़बार फेंक दिया। नीचे बूढ़े अंकल- "बेटा ये क्या कर रहे हो?" मै बोला "अंकल रोज वही खबर ,अब तो उबकाई आती है । आप कहां जा रहे हो अंकल?" वो बोले "बेटा अपने बच्चे की दवाई लेने ।" मैने पूछा "क्या हुआ अंकल आपके बेटे को ?" वो बोले "कुछ नहीं थोड़ी तबीयत खराब है।" मै भागता भागता नीचे आया और उनके साथ चल दिया तो मैंने बूढ़े अंकल के लड़के से पूछा "क्या हुआ तुमको?" वह बोला "काफी दिन से शराब नहीं पी तो थोड़ा थका थका महसूस कर रहा हूं।" मैंने बोला "तुम चल सकते हो बोल सकते हो और शरीर भी स्वस्थ है क्यो अपना पूरा जीवनकाल शराब के नशे में गुजारना चाहते हो?" मै उसको अपने साथ खुली हवा में ले गया और बोला आंखे बंद करो और पर्यावरण को सुनो वह काफी अच्छा महसूस कर रहा था। आज से ही शराब त्याग दो और खुशी के साथ इस प्रगति का आनंद लो।

शिक्षा - किसी का आदी होने से अच्छा इस प्रगति के आदी हो जाओ.


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract