Naheda Shaheen

Tragedy Others

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Naheda Shaheen

Tragedy Others

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम यह श्लोक नीलिमा को सुनाई दे रहा है दूर से परंतु स्पष्ट। नीलिमा अपने ही घर के बरामदे में कुर्सी पर बैठकर चाय की चुस्कियां के साथ गहरी सोच में डूब गई सोचने लगी किस प्रकार ख्वाहिश इंसान को कहां से कहां पहुंचा देते हैं

निकिता एक बालिका वधू बनकर अपने ससुराल आई थी वह रिश्ते में नीलिमा की भाभी थी। नीलिमा को याद है किस प्रकार उसके बुआ की बहू निकिता उसके अपने परिवार की एक अंग बन गई थी देखते देखते निकिता का पति अपनी मनमानी करने लगा और अपनी पत्नी के होते हुए उसने एक दूसरी औरत को अपने जीवन में स्थान दे दिया स्थिति यह हो गई कम उम्र में जिसने उसके जीवन में प्रवेश किया था वह थी निकिता और समय के साथ वह 4 बच्चों की मां भी बन चुकी थी परंतु मझधार में उसके पति ने उसका विश्वास तोड़ कर उसने दूसरी औरत को अपने जीवन में प्रवेश करने दिया बस बात इतनी सी खत्म नहीं हुई क्योंकि नारी सब कुछ सह सकती है किसी दूसरी औरत को अपने जीवन में कभी भी रहने नहीं दे सकती तो निकिता अपवाद नहीं थी। धीरे-धीरे निकिता के मन में अपने पति के प्रति घृणा भाव बढ़ते गया और यह भी एक सत्य है कि उम्र के साथ शरीर की अपनी खुद की भी कुछ ख्वाहिशें होती हैं और इसी ख्वाहिश के चलते निकिता ने अपनी मंजिलें भी तय करनी शुरू कर दी। उसने भी वही रास्ता बनाया जो रास्ता उसके पति ने अपनाया था परंतु फर्क सिर्फ इतना था कि वह अपने ही रिश्तेदारों के साथ अपनी ख्वाहिश पूरी करती थी और उसने समाज में किसी एक पुरुष के साथ नहीं रहा ऊपरी तौर पर वह अपने ससुराल में ही रहे अपने बच्चों के साथ परंतु उसकी मंजिल और उसके पति की मंजिल दोनों अलग थी दोनों नदी के दो किनारे थे इधर उसका पति अपने ख्वाहिशों के चलते समाज में एक अपमानजनक स्थिति में जी रहा था तो इधर निकिता अपने ही रिश्तों के लोगों के साथ ख्वाहिशों के चलते अवैध रिश्तों का दामन थाम कर जी रही थी सबसे कठिन परिस्थिति थी बच्चों की। दोनों में से किसी ने भी अपने बच्चों के बारे में नहीं सोचा उनके भविष्य के बारे में, उनके ख्वाहिशों के बारे में ।

हवा के झोंके के साथ मंदिर के लाउडस्पीकर में वही श्लोक त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम नीलिमा के कान में टकराने लगा तो उसकी तंद्रा भंग हुई और वह अतीत के सागर से बाहर आकर अपनी चाय खत्म करके घर के अंदर प्रवेश कर गई।


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