एक नया सवेरा
एक नया सवेरा
"मां क्या कर रही हो"? अचानक बेटी के यह शब्द नीलिमा के कान में पड़े। नीलिमा चौक गई। उसके चेहरे पर सुकून भरी मुस्कुराहट आ गई। परंतु इसके साथ ही नीलिमा अतीत के सागर में गोते लगाने लगी।
अनाथ लड़की नीलिमा की शादी परवरिश उसके भाई के द्वारा हुई थी नीलिमा देखने में आकर्षक और बेहद मासूम लड़की थी। जीवन के उतार-चढ़ाव में नीलिमा धीरे-धीरे बचपन की दहलीज पार करके जवानी में कदम रखा अपनी शिक्षा पूरी की शिक्षा के साथ संस्कार और विनम्रता उसके चरित्र की विशेषता थी।
उसके बड़ी दीदी के ब्याह के बाद अब उसके भाई को उसकी शादी की चिंता थी भगवान की मर्जी से उसकी भी शादी एक फॉरेस्ट ऑफिसर के साथ हो गई। ये शादी नहीं एक त्रासदी थी। उसका पति एक मानसिक रोगी था अचानक नीलिमा के जीवन में जैसे तूफान आ गया।शक,शारीरिक उत्पीड़न,और मानसिक यातना अब उसका भाग्य बन गया ।चुपचाप इस दुख को वो सहती रही सहना उसकी मजबूरी थी।वो नहीं चाहती थी की टूटी हुई शादी परिवार का कलंक बन जाए,धीरे धीरे समय बीतने लगा नीलिमा को एक एक दिन बिताना कष्ट प्रद लगने लगा।इसी परिस्थिति में नीलिमा को स्वास्थगत समस्या हुई और बीस सालों में उसको चार ऑपरेशन झेलना पड़ा।पति का अत्याचार दिन ब दिन बढ़ने लगा ।मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न झेलते झेलते नीलिमा जैसे की अपना अस्तित्व खो दी थी।
परंतु पति की चारित्र हीनता के चलते उसने अलग होने का निर्णय लिया और आज नीलिमा अलग हो कर आत्मसम्मान और स्वाभिमान से परिपूर्ण जीवन जी रही है,। सच में ये जीवन अब एक नया सवेरा लेकर आया है।