खूबसूरत
खूबसूरत
"हाय री भाभी एक तो छोरी पैदा की हैऔर वा भी कोयले की डली। कौन ब्याहेगा इसे ? थारो तो घर ही ख़ाली कर जावेगी। छोरियों की तो सुंदरता ही देखी जावे है।",बड़ी ननद आज फिर सुशीलाजी को कह रही थी।
"जैसी भगवान् की मर्ज़ी जीजी।",अपनी पोती वैदेही के काले रंग को लेकर लोगों की बातें सुनने कीआदी सुशीलाजी ने कहा।
"वैदेही दीदी आप क्या पढ़ती थी?कैसे पढ़ती थी ?",आज फिर एक पारिवारिक समारोह में पुलिस इंस्पेक्टर वैदेही को सब बच्चों ने घेर लिया था।
"हाँ बिटिया, तनिक हमारे पोते को भी बता दो।", बड़ी बुआ ने कहा।
वैदेही केआत्मविश्वास ने उसे खूबसूरत बना दिया था।
